जालंधर 24 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : शहर की लाइफलाइन कही जाती महावीर मार्ग की सड़क का निर्माण अब सर्दियों के बाद ही संभव हो पाएगा, यानी शहरवासियों को कम से कम 4-5 महीने और धूल-मिट्टी फांक कर जिंदगी गुजारनी होगी। नगर निगम की लापरवाही की वजह से पहले ही 6–8 महीनों से परेशान लोगों के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं। स्थानीय निवासियों के अनुसार टूटी सड़कों से उड़ती धूल कारण अब तक हर व्यक्ति किलो-किलो मिट्टी खा चुका है।
निगम की ओर से टूटी सड़कों से उड़ती धूल को कंट्रोल करने के लिए पानी का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा, जबकि पानी के टैंकर, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और स्प्रिंकलर मशीन निगम पास मौजूद हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि निगम ने इन सभी साधनों को सिर्फ दिखावे के लिए रखा है। नगर निगम के बी. एंड आर. ब्रांच से जुड़े अधिकारी दफ्तरों से बाहर निकलना जरूरी नहीं समझते और सड़क निर्माण विभाग में बैठे कुछ लोग नेताओं के रिश्तेदार होने का फायदा उठाकर मनमानी कर रहे हैं।
दिल्ली को भी पीछे छोड़ चुका है जालंधर का वायु प्रदूषण
जालंधर शहर का प्रदूषण स्तर तो अब दिल्ली को भी पीछे छोड़ चुका है। टूटी सड़कों से उड़ती मिट्टी पूरे शहर का वातावरण जहरीला बना रही है। पाइपें डालने और खुदाई के दौरान निकली मिट्टी महीनों से सड़कों पर फैली पड़ी है । वाहनों की आवाजाही से उड़ने वाली ये महीन धूल सीधे लोगों के गले, फेफड़ों और आंखों पर हमला कर रही है। शहर के डॉक्टर चेतावनी दे चुके हैं कि इस प्रदूषण से दमा, एलर्जी, अस्थमा, हृदय रोग, ब्रोंकाइटिस और यहां तक कि कैंसर तक का खतरा बढ़ रहा है। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए हालात और भी ज्यादा खतरनाक हैं।
पर्यावरण सुरक्षा की बात करें तो निगम की उदासीनता अपने चरम पर है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के नोटिस और चेतावनियां भी निगम को जगाने में नाकाम रही हैं। आम आदमी पार्टी के कब्जे वाले नगर निगम का न तो कोई विजन दिखाई देता है और न ही किसी समस्या को लेकर गंभीरता।
धूल मिट्टी की चपेट में है शहर
महावीर मार्ग पर उड़ती मिट्टी ने आधे शहर को चपेट में ले रखा है। सड़क की हालत इतनी खराब है कि आसपास के मोहल्लों और कॉलोनियों के लोग रोजाना धूल निगलकर अपने काम पर निकलते हैं। गड्ढे, अव्यवस्थित ट्रैफिक और हवा में उड़ती धूल मिलकर इस क्षेत्र को गैस चैंबर बना चुके हैं। लोगों का कहना है कि नगर निगम की यह देरी और कुप्रबंधन सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि जनता की सेहत और सुरक्षा के प्रति खिलवाड़ है। इससे न केवल जनता रोज परेशान हो रही है, बल्कि सरकार की छवि भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। स्थानीय निवासियों ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि तुरंत पानी का छिड़काव शुरू किया जाए, बिखरी मिट्टी को साफ किया जाए, महावीर मार्ग के निर्माण को युद्धस्तर पर पूरा किया जाए वरना आने वाले महीनों में जालंधर की पहचान धूल मिट्टी वाले शहर से ही होने लगेगी।
सारांश:
जालंधर के निवासियों के लिए खतरा बढ़ गया है क्योंकि आने वाले 4–5 महीने हालात चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं। मौसम में बदलाव और बढ़ते प्रदूषण स्तर के चलते लोगों की सेहत पर असर पड़ने की आशंका है। प्रशासन ने नागरिकों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
