09 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को टैरिफ मामले में एक और झटका देने की तैयारी में हैं. दरअसल अमेरिकी किसानों को बेलआउट पैकेज देने पर बैठक के दौरान ट्रंप ने भारत के चावल पर नए टैरिफ लगाने पर बातचीत की है. डोनाल्ड ट्रंप इसी मुद्दे पर बात कर रहे थे और अपने किसानों की शिकायत सुन रहे थे. इसी बीच उनके ठीक बगल में बैठी हुई महिला ने उनका ध्यान अमेरिकी बाजार में भारत के चावलों की ओर आकर्षित किया और पल भर में भारत पर एक और टैरिफ की तलवार लटकने लगी.

अमेरिकी किसानों के डंपिंग के आरोप पर ट्रंप ने कहा है कि उनकी सरकार उन दावों की जांच करेगी, जिसमें कहा गया है कि कई देश अमेरिकी बाजार में कम कीमत वाला चावल डंप कर रहे हैं. इस मीटिंग का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें व्हाइट हाउस की बातचीत दिखाई देती है. राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से कहते हैं कि भारत डंपिंग कर रहा है और मांग करते हैं कि इन पर टैरिफ लगाया जाए. ट्रंप ये बात तब कहते हैं, जब उनके बगल में बैठी चावल किसान और अमेरिकी मशहूर राइस मिल की सीईओ उनका ध्यान इस तरफ ले जाती है. चलिए जानते हैं कि आखिर कौन है ये महिला?

कौन है वो महिला, जिसने बढ़ाई भारत की टेंशन?

जिस महिला ने ट्रंप के सामने भारतीय चावलों की बात रखी, उसका नाम मेरिल केनेडी है. ये केनेडी राइस मिल की सीईओ है और बैठक में चावल किसान के तौर पर शामिल हुई थी. मेर रूज नाम छोटे से गांव में पैदा हुई मेरिल इसी ग्रामीण इलाके में पली-बढ़ी मेरिल ने यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया से अंतरराष्ट्रीय मामलों में स्नातक किया और स्पेनिश में माइनर पूरा किया. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका मिलने के बावजूद उन्होंने अपने पिता के साथ परिवार के चावल व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए घर लौटना चुना. केनेडी परिवार का एग्रीबिजनेस चावल की खेती, सुखाना, मिलिंग, वितरण, अनाज भंडारण, मार्केटिंग, भूमि प्रबंधन और रियल एस्टेट जैसे कई क्षेत्रों में काम करता है.

सिर्फ 21 वर्ष की उम्र में मेरिल ने केनेडी राइस मिल की स्थापना और विकास किया. यह अमेरिका में पिछले 25 सालों में बनी कुछ नई आधुनिक चावल मिलों में से एक है. स्थायी और ऑर्गेनिक उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए मेरिल और उनके परिवार ने अपनी खुद की ब्रांडेड चावल प्रोडक्ट लाइन शुरू की. KenChaux और 4Sisters ब्रांड के तहत उनके उत्पाद बिकते हैं. उनकी राइस मिल को साल 2018 में बिजनेस इनोवेटिव लीडरशिप अवार्ड और 2019 में मैन्युफैक्चरर ऑफ द ईयर जैसे अवॉर्ड मिले हैं. फिलहाल मेरिल अपने पति पेटन फार और दो बच्चों- एल्टन और केनेडी के साथ मेर रूज गांव में रहती हैं.

क्यों चावल पर टैरिफ की मार?

यह मामला 8 दिसंबर 2025 को ट्रंप की ओर से अमेरिकी किसानों के लिए घोषित 12 अरब डॉलर की सहायता योजना से जुड़ा है. यह पैकेज उन किसानों को दिया जा रहा है जिन्हें ट्रंप की पहले की टैरिफ नीतियों से नुकसान हुआ था. अमेरिकी चावल उद्योग के प्रतिनिधि चाहते हैं कि भारत से आने वाले चावल पर रोक या सुरक्षा बढ़ाई जाए. भारत ने पिछले साल अमेरिका को 2.34 लाख टन चावल भेजा था. साल 2025 में भारत ने दुनिया भर में 19.9 मिलियन टन चावल निर्यात किया, जो कि वैश्विक मांग पर आधारित व्यापार है, न कि किसी सब्सिडी बेस्ड डंपिंग पर. जब मेरिल केनेडी ने ट्रंप को भारत से चावल आयात पर बताया तो तुरंत ही उन्होंने कहा कि स्कॉट इंडिया का नाम लिख लो. यह मामला गंभीर इसलिए हो जाता है क्योंकि जब अमेरिकी प्रतिनिधि व्यापार वार्ता के लिए भारत आने वाले हैं, इस नए टैरिफ का ऐलान होने को है.

सारांश

भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर विवाद बढ़ाने वाली अमेरिकी महिला कृषि विशेषज्ञ सिंथिया मिलर हैं। उन्होंने ट्रंप को भारतीय कृषि और किसानों से जुड़े मुद्दों पर सलाह दी, जिससे दोनों देशों के बीच ट्रेड टेंशन बढ़ गया। उनका यह कदम विशेष रूप से कृषि निर्यात और आयात नीतियों पर असर डाल रहा है।

Bharat Baani Bureau

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