11 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : कांग्रेस पार्टी में आंतरिक कलह थमने का नाम नहीं ले रही. कर्नाटक में जहां सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद की खींचतान ने पार्टी को अस्थिर कर रखा है, वहीं पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी के 500 करोड़ वाले आरोप ने राज्य में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी. अब ओडिशा में भी कुछ ऐसा ही माहौल बना हुआ है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद मुकिम ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर प्रदेशाध्यक्ष भक्त चरण दास के नेतृत्व पर सवाल उठा दिए हैं. मुकिम का आरोप है कि दास की वजह से पार्टी कार्यकर्ता भ्रमित और हतोत्साहित हो गए हैं, और ओडिशा में कांग्रेस का आधार लगातार सिकुड़ रहा है.

मुकिम ने बुधवार को सोनिया गांधी को भेजे पत्र में भक्त चरण दास की नियुक्ति पर ही सवाल खड़े किए. फरवरी 2025 में दास को ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन मुकिम का दावा है कि दास ने लगातार तीन चुनावों में हार का सामना किया है.

राज्य नेतृत्व पर क्या है आरोप?

मुकिम ने कहा कि उनकी (भक्त चरण दास) ‘कांग्रेस विरोधी राजनीतिक विचारधारा’ पार्टी के लिए घातक है. बाराबती-कटक से पूर्व विधायक मुकिम खुद फरवरी में अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल थे, लेकिन दास को चुना गया. उन्होंने पत्र में लिखा, ‘जब कोई नेता अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में विश्वास हासिल नहीं कर पाता, तो कार्यकर्ता स्वाभाविक रूप से उसके नेतृत्व पर से भरोसा खो देते हैं और ओडिशा में पार्टी का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता पर सवाल उठाते हैं.’

आखिर कहां से उभरा असंतोष

  1. कांग्रेस के राज्य प्रमुख दास और उनके विधायक बेटे सागर दास द्वारा ‘कोसल राज्य’ की मांग की.
  2. अलग राज्य की सार्वजनिक मांग से पार्टी कार्यकर्ताओं में ‘गहरी अशांति’ फैल गई है, क्योंकि यह कांग्रेस की एकता के खिलाफ है.
  3. नौपाड़ा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार (करीब 83,000 वोटों से) को मुकिम ने दास के नेतृत्व की नाकामी का सबूत बताया.
  4. मुकिम का आरोप है कि जमीनी कार्यकर्ता अब ‘भ्रमित, हतोत्साहित और दिशाहीन’ महसूस कर रहे हैं.
  5. दास की वजह से पार्टी का जनाधार कमजोर हो रहा है और ओडिशा में कांग्रेस की स्थिति और बिगड़ती जा रही है.

हाईकमान कार्रवाई करेगा या नहीं, देखना बाकी है

भक्त चरण दास ने इन आरोपों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है. ओडिशा कांग्रेस इकाई पहले से ही आंतरिक असंतोष से जूझ रही है, और मुकिम का पत्र सोनिया गांधी तक पहुंचने से मामला और गरमा सकता है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह कलह ओडिशा में कांग्रेस की चुनावी तैयारियों को प्रभावित कर सकती है, जहां पार्टी पहले से ही बीजद और भाजपा से पिछड़ रही है. क्या हाईकमान इस पर कार्रवाई करेगा या कलह और बढ़ेगी, यह देखना बाकी है.

सारांश

कांग्रेस में आंतरिक कलह लगातार बढ़ती जा रही है। कर्नाटक और पंजाब के बाद अब एक और राज्य में पार्टी नेताओं के बीच विवाद गहरा गया है। मामला इतना बढ़ गया कि शिकायत सीधे सोनिया गांधी तक पहुंच गई है। लगातार बढ़ते मतभेद पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

Bharat Baani Bureau

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