16 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : सिडनी के बॉन्डी बीच पर जिस तरह का आतंकी हमला हुआ, उसे देखकर हर किसी का दिल दहल गया. इस घटना को लेकर जब जांच-पड़ताल की गई तो एक बार फिर से इसकी जड़ में वही कट्टरपंथी सोच मिली है, जिसने दुनिया के कई देशों में आतंकवादी हमले को अंजाम दिया. पुलिस ने जब मौका ए वारदात की जांच की, तो उन्हें हमलावरों की कार के पास से इस्लामिक स्टेट के झंडे मिले, जिसके बाद ये माना गया कि दोनों अटैकर्स ने इसी कट्टरपंथी सोच से प्रभावित होकर ये कांड किया.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने कहा है कि इस हमले के ISIS जैसे आतंकी संगठन से प्रेरित होने के सबूत मिले हैं. उन्होंने बताया कि जब्त किए गए वाहन से इस्लामिक स्टेट के झंडे मिले हैं, जो इस कट्टर और विकृत सोच की ओर इशारा करते हैं. पीएम अल्बनीज ने कहा कि इस्लाम के नाम पर फैलाई जा रही यह हिंसक सोच एक गंभीर समस्या है और इसे पूरी दुनिया ने पहचाना है. उन्होंने साफ किया कि ISIS एक बेहद खतरनाक और बुरी विचारधारा से पैदा हुआ संगठन है, जिसकी निंदा न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई सरकार बल्कि वैश्विक स्तर पर की जाती रही है.

बॉन्डी बीच आतंकी हमले के पीछे ISIS?

ऑस्ट्रेलियन फेडरल पुलिस की कमिश्नर क्रिसी बैरेट ने बॉन्डी में हुई घटना को यहूदी ऑस्ट्रेलियाइयों के खिलाफ एक बर्बर हमला बताया है. कमिश्नर बैरेट ने दोपहर में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर कहा कि ऐसा लगता है कि हमलावरों का मकसद सिर्फ ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान लेना था. वे 7 अक्टूबर 2023 की तरह हमला कर रहे थे और हम इसे कभी नहीं भूलेंगे. उस दिन हुए हमले ने दुनिया भर के यहूदियों को एक बार फिर उस आधुनिक दौर के आतंक का एहसास कराया, जिसे दशकों पहले इतिहास का हिस्सा बन जाना चाहिए था.

बॉन्डी बीच के हीरो अहमद से मिले अल्बनीज
ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बनीज यहूद समुदाय पर हुए हमले के दौरान हीरो बने अहमद अल अहमद से मिलने के लिए अस्पताल भी पहुंचे. उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर आतंकवादी की गन छीनी थी और कई लोगों की जान बचाई थी. पीएम अल्बनीज उनसे मिलने पहुंचे और उन्होंने उन्हें ऑस्ट्रेलियाई हीरो बताते हुए कहा कि आपने दूसरों की जान बचाने के लिए खुद को खतरे में डाला. उन्होंने इस मुलाकात के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट भी किया और कहा कि सबसे बुरे वक्त में ही हम ऑस्ट्रेलियाई लोगों का सबसे अच्छा रूप देखते हैं.

2019 से ही आतंकी नावीद पर थी नजर

आपको बता दें कि इस हमले के दोनों आतंकवादी 50 साल के साजिद और 24 साल के नावीद अकरम के हत्थे चढ़े थे. इनमें से पिता साजिद को मार गिराया गया, जबकि नावीद को घायल हालत में पकड़ा गया. पीएम अल्बनीज ने ये भी पुष्टि की है कि ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसी की नजरों में साल 2019 से ही नावीद अकरम था क्योंकि वो कुछ संदिग्ध लोगों के साथ रहता था. हालांकि बाद में उसे खतरा नहीं माना गया, जिसके कई साल बाद उसने ये कांड किया.

सारांश:
ऑस्ट्रेलिया में हुए हमले के बाद सामने आए नारे ‘अहमद हमारे हीरो’ को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने स्पष्ट किया कि हमले के पीछे ISIS से जुड़े आतंकी थे और कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा इस हिंसा की जड़ है। सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Bharat Baani Bureau

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