16 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : वेदांता लिमिटेड को मंगलवार को मुंबई की नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने कंपनी को तेल से लेकर धातु तक के कारोबार को पांच अलग-अलग इकाइयों में बांटने की मंजूरी दे दी है।

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि अब वे इस डीमर्जर योजना को लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। उनके मुताबिक, ये मंजूरी कंपनी के लिए बहुत अहम है, क्योंकि इससे अलग-अलग सेक्टर में मजबूत कंपनियां बनेंगी, जिनकी अपनी रणनीति और पूंजी व्यवस्था होगी। कंपनी का इरादा है कि ये पूरा बंटवारा 31 मार्च 2026 तक कर लिया जाए।

इस साल फरवरी में अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता को शेयरधारकों और कर्जदारों से इस योजना की मंजूरी मिल चुकी थी। असल में ये प्लान 2023 में शुरू हुआ था, जब 2020 में कंपनी को प्राइवेट बनाने की कोशिश नाकाम हो गई थी।

पांच नई कंपनियां बनेंगी

बंटवारे से वेदांता एल्यूमिनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर, वेदांता आयरन एंड स्टील और वेदांता लिमिटेड नाम की पांच नई कंपनियां बनेंगी। आखिरी वाली में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जिंक उत्पादक और तीसरी सबसे बड़ी सिल्वर उत्पादक इकाई शामिल होगी।

कंपनी की डीमर्जर स्कीम के अनुसार, जब ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो हर वेदांता शेयरधारक को चार नई कंपनियों में से हरेक में एक-एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा।

सारांश:
अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता लिमिटेड का डीमर्जर NCLT से मंजूरी पा गया है। अब कंपनी को पांच अलग-अलग इकाइयों में विभाजित किया जाएगा। यह कदम कंपनी की रणनीति, प्रबंधन दक्षता और वित्तीय संरचना को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे निवेशकों और शेयरहोल्डर्स को भी फायदा होने की संभावना है।

Bharat Baani Bureau

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