रावलपिंडी 17 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : पाकिस्तान की सरकार इन दिनों चौतरफा घिरी हुई है. इसे कर्मों का फल कह लें या कुछ और…जंग और कंगाली की हालत में इमरान खान की बहनों ने चीख-चीख कर शहबाज-मुनीर की नाक में दम कर रखा है. दोनों की इंटरनेशनल बेइज्जती भी खूब हो रही है. एक बार फिर से अपने भाई इमरान खान को देखने के लिए तड़प रही बहनों ने बवाल करने का फैसला कर लिया है. सिर्फ 20 मिनट की मुलाकात के बाद पाकिस्तान के हुक्मरान फिर से किसी को मिलने जाने नहीं दे रहे हैं. अब इमरान खान की बहनें, पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों संग फिर आदियाला जेल के नजदीक धरने पर बैठ गईं. उन्होंने नए बवाल का ऐलान अपना कंबल दिखाते हुए कर दिया है.
कोर्ट ऊपर जेल कैसे हो गया?
इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) ने इस साल 24 मार्च को एक आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि इमरान को हफ्ते में दो बार, मंगलवार और गुरुवार को मिलने की इजाजत होगी. हालांकि, पीटीआई का कहना है कि इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है.
डॉन के मुताबिक आईएचसी के आदेश के बावजूद, इमरान की बहनें- अलीमा खान, उज्मा खान और नोरीन खान नियाजी खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी के साथ पिछले कई हफ्तों से इमरान से मिलने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन नाकाम रही हैं. पिछले मंगलवार को, पीटीआई चीफ से मिलने की इजाजत न मिलने पर, उनकी बहनों और पार्टी समर्थकों ने धरना दिया था. सुबह इन्हें तितर-बितर करने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया था.
Imran Khan की 3 बहनें बनीं शेरनी
मंगलवार को, इमरान की बहनें जेल की तरफ मार्च कर रही थीं, तभी उन्हें रोक दिया गया. मार्च करते हुए एक रिपोर्टर से बात करते हुए अलीमा ने कहा, टहमें जहां भी रोका जाएगा, हम वहीं बैठ जाएंगे’. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने वॉटर कैनन या लंबे धरने के लिए तैयारी की है, तो उन्होंने जवाब दिया कि वह गर्म कपड़े और एक कंबल लाई हैं, और उन्होंने कैमरे पर कंबल दिखाया.
धरने में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने हिस्सा लिया, जहां भारी संख्या में पुलिस भी मौजूद थी. पत्रकारों से बात करते हुए, अलीमा ने कहा कि यह हर मंगलवार को उसी जगह पर होता है, और उन्होंने कहा कि वह और उनके पार्टी समर्थक कोई भी गैरकानूनी या असंवैधानिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास विरोध करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. हमारे संस्थापक की मांग संविधान, लोकतंत्र और कानून के शासन को बहाल करना है’.
जेल में हुई बातचीत के बारे में किया गया सवाल
उन्होंने दावा किया कि न्यायपालिका से आजादी छीन ली गई है, अफगानिस्तान के साथ व्यापार बंद होने के कारण बेरोजगारी बढ़ रही है और सुरक्षा की स्थिति खराब हो रही है. 2 दिसंबर को अपनी बहन उज्मा की इमरान से संक्षिप्त मुलाकात और सरकार के राजनीतिक बातचीत के दावे का जिक्र करते हुए, अलीमा ने सरकार से परिवार को यह बताने का आग्रह किया कि उन्हें बताया जाए कि आखिर बातचीत क्या हुई थी?
उन्होंने कहा, ‘मुझे बताओ कि मेरी बहन ने पिछली मुलाकात में किन राजनीतिक मामलों पर चर्चा की. राजनीतिक विषयों पर पार्टी के लोगों के साथ चर्चा की जानी चाहिए’.
सारांश:
पाकिस्तान में एक बार फिर हालात बिगड़ने के संकेत मिल रहे हैं। इमरान खान की तीनों बहनों ने बयान देकर बड़े आंदोलन या विरोध का इशारा किया है, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है।
