17 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : इनकम टैक्स रिटर्न की डेडलाइन निकल चुकी है और बहुत से टैक्सपेयर्स के मन में यही सवाल घूम रहा है कि अब क्या किया जाए। अगर आप भी अभी तक ITR फाइल नहीं कर पाए हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बिलेटेड टैक्स रिटर्न फाइल का मौका देता है। इसके तहत आप 31 दिसंबर तक अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। यह विकल्प खासतौर पर उन लोगों के लिए राहत भरा होता है, जो किसी वजह से समय पर रिटर्न नहीं भर पाए।

हालांकि, यह भी समझना जरूरी है कि देर से रिटर्न फाइल करने का मतलब पूरी तरह बिना खर्च के काम निपटना नहीं है। तय तारीख के बाद ITR फाइल करने पर लेट फाइलिंग फीस और ब्याज देना पड़ता है। इसके साथ ही, समय पर रिटर्न भरने से मिलने वाले कुछ टैक्स फायदे भी हाथ से निकल जाते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि बिलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न क्या होते हैं, इन्हें कब तक फाइल किया जा सकता है और देर करने पर आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

बिलेटेड रिटर्न क्या होता है?

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139(1) के तहत तय ड्यू डेट के बाद जब कोई टैक्सपेयर रिटर्न फाइल करता है, तो उसे बिलेटेड रिटर्न कहा जाता है। यह रिटर्न देर से फाइल किया जाता है, इसलिए इस पर लेट फाइलिंग फीस और ब्याज लागू होता है।

कौन-सा रिटर्न रिवाइज किया जा सकता है?

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139(1) के तहत फाइल मूल रिटर्न या सेक्शन 139(4) के तहत फाइल बिलेटेड रिटर्न को ही रिवाइज किया जा सकता है। वहीं, अगर रिटर्न सेक्शन 142(1) के तहत जारी नोटिस के जवाब में फाइल किया गया है, तो उसे सेक्शन 139(5) के अंतर्गत रिवाइज नहीं किया जा सकता।

गलती सुधारने का विकल्प: रिवाइज्ड रिटर्न

अगर कोई टैक्सपेयर ITR फाइल करते समय किसी तरह की जानकारी शामिल करना भूल जाता है या कोई गलती हो जाती है तो उसे रिवाइज्ड रिटर्न के जरिए सुधारा जा सकता है। चाहे टैक्सपेयर्स से वो गलती जानबूझकर हुई हो या फिर अनजाने में हुई हो। रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करके किसी भी प्रकार की गलती या चूक को ठीक किया जा सकता है। 

रिवाइज्ड ITR फाइल करने की आखिरी तारीख क्या है?

इनकम टैक्स रिटर्न को संबंधित असेसमेंट ईयर खत्म होने से तीन महीने पहले तक या असेसमेंट पूरा होने से पहले तक (जो भी पहले हो) रिवाइज किया जा सकता है। यानी, संबंधित असेसमेंट ईयर के 31 दिसंबर तक रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की सुविधा उपलब्ध है।

डेडलाइन के बाद ITR फाइल करने के नुकसान

कुछ टैक्स छूट ऐसे होते हैं जो केवल तभी मिलते हैं, जब इनकम टैक्स रिटर्न तय ड्यू डेट तक फाइल किया जाए। असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए यह ड्यू डेट 16 सितंबर थी। तय समय सीमा के बाद रिटर्न फाइल करने पर ये लाभ उपलब्ध नहीं रहते। इसके अलावा, बिलेटेड रिटर्न फाइल करने पर सेक्शन 234F के तहत लेट फाइलिंग फीस और सेक्शन 234A के तहत ब्याज भी देना पड़ता है।

सारांश:
करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण सूचना है कि 31 दिसंबर तक बकाया टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख है। समय पर रिटर्न नहीं भरने पर लेट फीस, ब्याज और फाइन लागू हो सकते हैं। लेट फीस रिटर्न के प्रकार और आय पर निर्भर करती है, वहीं ब्याज देरी के दिनों के हिसाब से बढ़ता है। इस वजह से समय पर रिटर्न फाइल करना जरूरी है ताकि अतिरिक्त आर्थिक बोझ से बचा जा सके।

Bharat Baani Bureau

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