नई दिल्ली 18 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . पिछले कुछ समय से ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप का मुद्दा उठता रहा है. लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि ओटीटी कंटेंट सेंसर बोर्ड के दायरे से बाहर रहेगा. सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियम, 2021 के तहत सरकार ने बुधवार को कहा कि नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो और डिज्नी प्लस हॉटस्टार जैसे OTT प्लेटफॉर्म्स केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं और उन्हें आईटी नियमों के तहत अलग से नियंत्रित किया जाता है.
यह स्पष्टिकरण लोकसभा में सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने सांसद एमके विष्णु प्रसाद के एक प्रश्न के जवाब में दिया. मुरुगन ने बताया कि सीबीएफसी सिनेमा अधिनियम, 1952 के तहत स्थापित एक वैधानिक संस्था है. यह केवल उन फिल्मों को प्रमाणित करती है, जो थिएटर्स में रिलीज के लिए बनाई गई हैं.
आईटी नियमों के तहत आते हैं ओटीटी प्लेटफॉर्म्स
OTT कंटेंट को IT (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021 के भाग III के तहत नियंत्रित किया जाता है. इन नियमों के तहत प्लेटफॉर्म्स को एथिक्स कोड का पालन करना होता है, जिसमें कानून द्वारा प्रतिबंधित सामग्री से बचना, शो और फिल्मों को दर्शकों की उम्र के आधार पर वर्गीकृत करना शामिल है.
तीन स्तरों पर होती है ओटीटी कंटेंट की निगरनी
नियमों में तीन-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली का प्रावधान भी किया गया है, जो सबसे पहले OTT प्लेटफॉर्म, फिर इंडस्ट्री स्वयं-नियामक संस्था और अंत में सरकार के निरीक्षण तक जाता है. पहला लेवल है कि OTT प्लेटफॉर्म से अपेक्षा की जाती है कि वे सेल्फ रेगुलेशन के माध्यम से शिकायतों को संभालें. दूसरे लेवल में इंडस्ट्री के स्वयं-नियामक निकायों द्वारा कंटेंट का निरीक्षण शामिल है. तीसरे लेवल में केंद्र सरकार निगरानी करती है.
43 ओटीटी पर चला सरकार डंडा
सांसद एमके विष्णु प्रसाद प्रसाद ने यह जानकारी भी मांगी थी कि पिछले तीन सालों में सरकार को ओटीटी कंटेंट के खिलाफ कितनी शिकायतें मिलीं और ऐसी शिकायतों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की. लेकिन मंत्री ने इन सवालों का उत्तर नहीं दिया. हालांकि, बुधवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के एक अन्य सवाल का उत्तर देते हुए राज्य मंत्री मुरुगन ने कहा कि अब तक सरकार ने भारत में ऐसे 43 OTT प्लेटफॉर्म्स को बंद किया है, जिन्होंने अश्लील कंटेंट दिखाए हैं.
भारत में 11.8 करोड़ हैं ओटीटी उपभोक्ता
भाजपा सांसद पूनमबेन हेमतभाई माडम के एक अन्य सवाल के उत्तर में राज्य मंत्री मुरुगन ने कहा कि FICCI-EY मीडिया एवं मनोरंजन इंडस्ट्री रिपोर्ट 2025 में अनुमानों के अनुसार, OTT प्लेटफॉर्म्स से वीडियो सब्सक्रिप्शन राजस्व 2024 में 11 फीसदी बढ़कर लगभग 9,200 करोड़ तक पहुंच गया. मंत्री ने यह भी बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में भारत में लगभग 9.5 करोड़ से 11.8 करोड़ उपयोगकर्ता OTT प्लेटफॉर्म्स पर स्ट्रीमिंग के लिए भुगतान करते हैं.
सारांश:
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर सेंसर बोर्ड का सीधा नियंत्रण नहीं होगा। हालांकि, नियम और दिशा-निर्देशों के तहत ऑनलाइन कंटेंट की निगरानी की जाएगी। इसका मकसद अभद्र या आपत्तिजनक सामग्री को नियंत्रित करना है, लेकिन स्वतंत्र क्रिएटिविटी पर ज्यादा प्रतिबंध नहीं लगेगा।
