19 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : अवधूत साठे ट्रेडिंग अकादमी (ASTA) की याचिका पर सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) 9 जनवरी 2026 को सुनवाई करेगा। अकादमी ने सेबी के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें 546 करोड़ रुपये जब्त करने और अकादमी को शेयर बाजार से दूर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सेबी का आरोप क्या है
सेबी ने 4 दिसंबर 2025 को जारी अपने अंतरिम आदेश में आरोप लगाया कि ASTA “शिक्षा” और “ट्रेनिंग” के नाम पर बिना रजिस्ट्रेशन के निवेश सलाह और रिसर्च एनालिस्ट जैसी सेवाएं दे रही थी। सेबी का कहना है कि यह काम नियमों के खिलाफ है और निवेशकों को गुमराह करने वाला है।
सुनवाई से पहले SAT के निर्देश
SAT ने कहा है कि अदालत की छुट्टियों के बाद ही मामले की सुनवाई होगी और तब तक मौजूदा स्थिति बरकरार रहेगी। हालांकि, ट्रिब्यूनल ने अकादमी को आंशिक राहत देते हुए बैंक खातों से इस महीने 2.25 करोड़ रुपये निकालने की अनुमति दी है, ताकि रोजमर्रा के खर्च पूरे किए जा सकें। जस्टिस पी एस दिनेश कुमार ने अपने आदेश में कहा कि छुट्टियों को देखते हुए यह अनुमति दी जा रही है। साथ ही, SAT ने सेबी को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए छह हफ्ते का समय भी दिया है।
अकादमी की मांग और SEBI का विरोध
अकादमी ने सेबी के आदेश पर रोक लगाने और हर महीने 5.25 करोड़ रुपये निकालने की अनुमति मांगी थी। सेबी ने इस मांग का विरोध किया और कहा कि अकादमी जिन खर्चों का हवाला दे रही है, उनमें से कई जरूरी नहीं हैं। सेबी के मुताबिक, विज्ञापन और सेमिनार जैसे खर्च तत्काल जरूरी नहीं माने जा सकते।
अकादमी के वकील की दलील
अकादमी की ओर से वरिष्ठ वकील जनक द्वारकादास ने कहा कि सेबी का आदेश अचानक दिया गया और इससे अकादमी का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया। उन्होंने इसे संस्था की “आर्थिक मौत” बताया। उन्होंने यह भी कहा कि सेबी ने आदेश पारित करने से पहले अकादमी को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया।
SEBI का पक्ष
सेबी ने जवाब में कहा कि उसने मार्च 2024 में ही अकादमी को प्रशासनिक चेतावनी दी थी, लेकिन इसके बावजूद कथित गलत गतिविधियां जारी रहीं। सेबी के अनुसार, अगस्त 2025 में की गई तलाशी और जब्ती कार्रवाई के दौरान मिले सबूतों के आधार पर यह अंतरिम आदेश जारी किया गया।
SEBI के गंभीर आरोप और आदेश
सेबी ने अपने एकतरफा अंतरिम आदेश में कहा कि अकादमी और उससे जुड़े लोग भ्रामक वीडियो, बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए अनुभव और सोशल मीडिया पर असाधारण मुनाफे के वादे करते रहे। सेबी का कहना है कि इन दावों के कारण कई लोगों को भारी नुकसान हुआ। नियामक ने 601 करोड़ रुपये की वसूली (डिस्गॉर्जमेंट) का आदेश दिया है और संस्थापक अवधूत साठे पर बाजार में कारोबार करने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा, अकादमी को अपने कार्यक्रमों में लाइव मार्केट डेटा का इस्तेमाल बंद करने का भी निर्देश दिया गया है।
सारांश:
₹546 करोड़ की जब्ती से जुड़े मामले में नया मोड़ आया है। अवधूत साठे ने SAT (Securities Appellate Tribunal) में याचिका दायर की है और इस पर सुनवाई 9 जनवरी को होगी। इस फैसले से निवेशकों और बाजार में रुचि रखने वालों की निगाहें जुड़ी हुई हैं।
