अमेरिका 23 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . वायोमिंग राज्य के चेयेन शहर से तेज हवाओं की चपेट में आकर एक मालगाड़ी पलट गयी. यह अपने आप में अनोखी घटना है. इसमें डबल कंटेनर लदे थे. यह घटना लगभग 17 मील उत्तर-पश्चिम फेडरल इलाके में हुई, जहां बीएनएसएफ रेलवे की एक लंबी मालगाड़ी पलट गई. इसमें दर्जनों डबल-स्टैक्ड फ्रेट कार्स (दो-मंजिला कंटेनर वाली गाड़ियां) लदे थे. घटना की आधिकारिक वजह अभी सामने नहीं आई है. बताया जा रहा है कि यहां पर तेज हवाएं कई दिनों से चल रही हैं. इस वजह से हवा को मुख्य कारण माना जा रहा है.
इस क्षेत्र में हवाओं की रफ्तार 78 किमी. प्रति घंटे तक पहुंच गई, जबकि पश्चिमी वायोमिंग में 144 किमी. प्रति घंटे रिकॉर्ड की गयी. बताते हैं कि हुर्रिकेन-लेवल की हवाएं थीं, जो काफी खतरनाक होती हैं. घटना के प्रत्यक्षदर्शी लिंडा ब्रैंडटबर्ग पेट्टे ने बताया कि उनका घर पटरी से सिर्फ आधा किलोमीटर दूर है. रात करीब 2 बजे तेज हवाओं की आवाज से उनकी नींद टूट गई. यह अब तक की सबसे तेज चलने वाली हवाएं थीं. उनके पड़ोसी स्कॉट लेसी ने अनुमान लगाया कि ट्रेन में कम से कम 150 कांटेनर लदे थे.
उन्होंने 1990 के दशक में एक कोल ट्रेन के डिरेलमेंट का जिक्र किया, लेकिन इस बार हवा को जिम्मेदार ठहराया. लेसी के भाई (पूर्व यूनियन पैसिफिक कंडक्टर) ने बताया कि डबल-स्टैक्ड कंटेनरों में एक गिरने पर बाकी भी गिर जाते हैं, क्योंकि ये अधिक ऊंचाई के कारण हवा के तेज झोंके झेल नहीं पाते हैं.
बीएनएसएफ रेलवे ने अभी तक कारण नहीं बताया है.
अमेरिका. वायोमिंग राज्य के चेयेन शहर से तेज हवाओं की चपेट में आकर एक मालगाड़ी पलट गयी. यह अपने आप में अनोखी घटना है. इसमें डबल कंटेनर लदे थे. यह घटना लगभग 17 मील उत्तर-पश्चिम फेडरल इलाके में हुई, जहां बीएनएसएफ रेलवे की एक लंबी मालगाड़ी पलट गई. इसमें दर्जनों डबल-स्टैक्ड फ्रेट कार्स (दो-मंजिला कंटेनर वाली गाड़ियां) लदे थे. घटना की आधिकारिक वजह अभी सामने नहीं आई है. बताया जा रहा है कि यहां पर तेज हवाएं कई दिनों से चल रही हैं. इस वजह से हवा को मुख्य कारण माना जा रहा है.
इस क्षेत्र में हवाओं की रफ्तार 78 किमी. प्रति घंटे तक पहुंच गई, जबकि पश्चिमी वायोमिंग में 144 किमी. प्रति घंटे रिकॉर्ड की गयी. बताते हैं कि हुर्रिकेन-लेवल की हवाएं थीं, जो काफी खतरनाक होती हैं. घटना के प्रत्यक्षदर्शी लिंडा ब्रैंडटबर्ग पेट्टे ने बताया कि उनका घर पटरी से सिर्फ आधा किलोमीटर दूर है. रात करीब 2 बजे तेज हवाओं की आवाज से उनकी नींद टूट गई. यह अब तक की सबसे तेज चलने वाली हवाएं थीं. उनके पड़ोसी स्कॉट लेसी ने अनुमान लगाया कि ट्रेन में कम से कम 150 कांटेनर लदे थे.
उन्होंने 1990 के दशक में एक कोल ट्रेन के डिरेलमेंट का जिक्र किया, लेकिन इस बार हवा को जिम्मेदार ठहराया. लेसी के भाई (पूर्व यूनियन पैसिफिक कंडक्टर) ने बताया कि डबल-स्टैक्ड कंटेनरों में एक गिरने पर बाकी भी गिर जाते हैं, क्योंकि ये अधिक ऊंचाई के कारण हवा के तेज झोंके झेल नहीं पाते हैं.
बीएनएसएफ रेलवे ने अभी तक कारण नहीं बताया है.
भारत में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर भी डबल-स्टैक्ड कंटेनर ट्रेनें चल रही हैं. भारत में राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल जैसे इलाकों में तेज हवाएं अक्सर आती हैं. रेलवे ने हाई-विंड अलर्ट सिस्टम लगाए हैं, जहां 60-80 किमी. प्रति घंटे से ज्यादा हवा पर स्पीड कम या ट्रेन रोकने का नियम है.इस घटना से साफ है कि मौसम की मार से मालगाड़ियां भी असुरक्षित हो सकती हैं, जो पटरी से उतर सकती हैं. हालांकि अअभी देश में कोहरा का प्रकोप उत्तर भारत में तेजी से देखा जा रहा है. इस वजह से ट्रेनें काफी देरी से चल रही हैं. दिल्ली की ओर आने वाली 100 से अधिक ट्रेनें देरी से चल रही हैं.
सारांश:
अचानक तेज हवाओं के चलते एक ट्रेन पूरी तरह पलट गई, जिससे हादसे का नजारा देखने वाले हर कोई हैरान रह गया। हालांकि चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक किसी के घायल होने या मारे जाने की पुष्टि नहीं हुई है। घटना की भयावहता और असामान्यता के कारण लोग इसे सच मानने में मुश्किल महसूस कर रहे हैं।
