29 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : आजकल मोबाइल तो वैसे ही हल्के आते है। इनका वजन भले ही हल्का हो, लेकिन असर भारी। अब आप सोच रहे होंगे कि हम यहां मोबाइल के वजन की बात क्यों कर रहे हैं, फोन का वजन कौन देखता है भला ? लुक देखा जाता है, फीचर्स देखे जाते हैं, कैमरे की क्वालिटी देखी जाती है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि हाथ में पकड़ा ‘200 ग्राम का मोबाइल’ गर्दन पर 27 किलो कैसे बन जाता है ?और हैरानी ये कि मोबाइल हाथ में है लेकिन इसका भार बढ़ता है ‘गर्दन और रीढ़ पर’।

यही वो तिलिस्म है जिसे आज हर उम्र का इंसान झेल रहा है। सीधे खड़े होकर देखें तो हमारा सिर लगभग 5 किलो का होता है, लेकिन सिर्फ 15 डिर्गी गर्दन झुकाने पर 11 किलो वजन स्पाइन पर पड़ता है। थोडा और यानि 45 डिग्री पर 20 किलो और कुछ लोग तो जो 60 डिग्री तक झुका लेते हैं उससे 27 किलो तक रीढ पर वजन बढ़ जाता है। यानि मोबाइल छोटा है लेकिन इसकी सजा बड़ी है। यही वजह है कि आज स्पाइनल कोर्ड पर बढ़ते प्रेशर से हर दूसरा इंसान ‘Text Neck Syndrome’ से जूझ रहा है और घंटों मोबाइल पकड़े रहने से हाथों में होने लगा है ‘कार्पल टनल सिड्रोम’। मोबाइल देखते वक्त झुकी गर्दन ‘सर्वाइकल स्पाइन’ की स्टेबिलिटी बिगाड़ देती है। नसें दबती हैं, हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं और लेटेस्ट स्टडीज साफ कहती हैं गलत पॉश्चर से कमर और पीठ अकड़ने लगती है और यही आगे चलकर मोटापा और शुगर का रास्ता भी खोल देता है।

बच्चे खेलना-कूदना भूलते जा रहे हैं। फिजिकल एक्टिविटी की कमी से पैरों में कमजोरी और टेढ़ेपन के मामले बढ़ रहे हैं और स्मार्टफोन से बिगड़ा रूटीन युवाओं को अंदर से खोखला कर रहा है। तो मसला सिर्फ मोबाइल का नहीं है। मसला है हद से ज्यादा इस्तेमाल का निजात चाहते हैं तो कंट्रोल जरूरी है। नया साल आने वाला है लेकिन अगर अभी नहीं संभले तो, दर्द पुराना ही साथ जाएगा। इसलिए मोबाइल सीधा रखिए गर्दन सीधी रखिए और रीढ़ को बोझ से बचाइए। 68% युवा हर वक्त थकान, 58% नींद की कमी..और 55% मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। क्या इसकी सबसे बड़ी वजह मोबाइल और स्क्रीन की लत है? स्वामी रामदेव से जानेंगे कमर और रीढ़ के दर्द से कैसे छुटकारा पाएं।

स्पॉन्डिलाइटिस क्या होता है?

स्पॉन्डिलाइटिस (Spondylitis) मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी (Spine) में होने वाली सूजन (Inflammation) होती है। यह एक प्रकार का ‘गठिया’ (Arthritis) है जो रीढ़ की वर्टिब्रा (Vertebrae) और जोड़ों को प्रभावित करता है। इसके कारण पीठ और गर्दन में तेज दर्द, अकड़न और कभी-कभी अंगों में सुन्नता महसूस होती है।

कमर दर्द से कैसे बचें ?

लैपटॉप को गोद में रख कर काम ना करें।

डेस्क या मेज का इस्तेमाल करें।

काम करते वक्त पैर जमीन पर टिकाएं।

कमर सीधी रखें कंधे ना झुकाएं।

हर 1 घंटे में 5 मिनट ब्रेक लें।

ब्रेक में सूक्ष्म व्यायाम करें।

साइटिका और कंधे का दर्द दूर करें?

गर्म हल्दी दूध शहद पीएं।

हल्दी-नारियल पेस्ट लगाएं।

शहद डालकर अदरक चाय पीएं।

तिल के तेल से मसाज करें।

गर्म पानी सेंधा नमक से सिकाई करें।

सर्वाइकल पेन से कैसे पाएं छुटकारा ?

बैठते समय गर्दन को सीधा रखें।

नर्म गद्दे की जगह तख्त पर सोएं।

विटामिन डी, कैल्शियम से भरपूर डाइट लें।

हड्डियों को मजबूत बनाने का तरीका

हल्दी दूध

सेब का सिरका

अदरक चाय

दालचीनी-शहद

गुनगुने पानी

हड्डियों के लिए सुपरफूड

गिलोय का काढ़ा पीएं।

हरसिंगार के फूल का रस।

निर्गुंडी का जूस।

एलोवेरा का जूस।

गलत पॉश्चर में मोबाइल ना देखें

15 डिग्री- 11 किलो दबाव

30 डिग्री- 18 किलो दबाव

45 डिग्री- 20 किलो दबाव

60 डिग्री- 27 किलो दबाव

सारांश:
लगातार गलत तरीके से मोबाइल फोन इस्तेमाल करने से गर्दन आगे की ओर झुकी रहती है, जिससे आजकल युवाओं में भी स्पॉन्डिलाइटिस और सर्वाइकल दर्द की समस्या तेजी से बढ़ रही है। स्वामी रामदेव के अनुसार, सही पोस्चर अपनाना, मोबाइल का सीमित उपयोग, नियमित योगासन, प्राणायाम और हल्के व्यायाम इस समस्या से राहत दिला सकते हैं। समय पर दिनचर्या में सुधार और प्राकृतिक उपाय अपनाकर गर्दन व रीढ़ को स्वस्थ रखा जा सकता है।

Bharat Baani Bureau

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