30 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : रूस-यूक्रेन की लड़ाई में एक नया मोड़ आ गया है, जब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कथित तौर पर निशाना बनाकर किए गए 91 ड्रोन हमले किए गए. रूस का आरोप है कि ये हमला राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आवास को निशाना बनाकर किया गया है, लेकिन यूक्रेन ने इस दावे को पूरी तरह झूठ बताया है. वहीं इस हमले के बाद भारत और चीन दोनों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसकी निंदा की है और संयम बरतने की अपील की है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरी चिंता जताते हुए ड्रोन हमलों की कड़ी निंदा की है. पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष को निशाना बनाना बेहद गंभीर मामला है और इससे अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को खतरा पैदा होता है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि संघर्षों का समाधान हिंसा से नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति से निकाला जाना चाहिए। भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने और ऐसे कदमों से बचने की अपील की, जो हालात को और बिगाड़ सकते हैं.
क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?
पीएम मोदी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा है – ‘रूसी संघ के राष्ट्रपति के आवास को निशाना बनाए जाने की खबरों से गहरी चिंता है. शत्रुता को समाप्त करने और शांति स्थापित करने का सबसे प्रभावी रास्ता जारी कूटनीतिक प्रयास ही हैं. हम सभी संबंधित पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे इन प्रयासों पर ध्यान केंद्रित रखें और ऐसे किसी भी कदम से बचें, जो शांति प्रक्रिया को कमज़ोर या बाधित कर सकता हो.’
चीन की ओर से भी आया रिएक्शन
चीन ने भी इस ड्रोन हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह घटनाक्रम पर गंभीर नजर रखे हुए है. चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि मौजूदा हालात में तनाव बढ़ाने वाली किसी भी कार्रवाई से बचना जरूरी है. बीजिंग ने साफ किया कि कूटनीतिक प्रयास ही शांति का एकमात्र रास्ता हैं और किसी भी तरह के हमले क्षेत्रीय व वैश्विक अस्थिरता को बढ़ा सकते हैं.
सारांश:
अपने करीबी दोस्त पर हुए हमले के बाद भारत के साथ चीन खड़ा हो गया। दोनों देशों ने मिलकर चेतावनी दी कि हालात बिगड़ सकते हैं और संयम बरतना जरूरी है। यह कूटनीतिक रुख क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अहम माना जा रहा है।
