मोदी सरकार 3.0 के पहले आम बजट से सभी वर्ग के लोगों को खासी उम्मीदें हैं। देश की अर्थव्यवस्था रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही है। केंद्र में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से बदली राजनीतिक परिस्थितियों में इस साल विशेषज्ञों को लोकलुभावन घोषणाएं होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संकेत दे चुकी हैं कि बजट में महिलाओं, किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों पर जोर रह सकता है। कर्मचारी से लेकर कारोबारी और विद्यार्थी समेत हर वर्ग के लोग बजट से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
निर्मला सीतारमण मंगलवार को सातवीं बार बजट पेश करेंगी। माना जा रहा है कि इस बार करदाताओं को कई तरह की राहत दी जा सकती हैं। टैक्स छूट से लेकर इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है। लोगों की मांग है कि इनकम टैक्स की धारा 80सी में दी जाने वाली कटौती सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दी जाए।
माना जा रहा है कि इस बार करदाताओं को कई तरह की राहत दी जा सकती है। टैक्स छूट से लेकर इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है। लोगों की मांग है कि इनकम टैक्स की धारा 80सी में दी जाने वाली कटौती सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दी जाए। साथ ही टैक्स स्लैब में भी बदलाव होने चाहिए। नई और पुरानी, दोनों तरह की टैक्स व्यवस्थाओं में बेसिक छूट की लिमिट बढ़ाकर पांच लाख रुपए करने की मांग है। नई व्यवस्था में एचआरए पर टैक्स छूट के साथ या होम लोन के व्याज पर डिडक्शन की सुविधा की भी मांग है।
जानकारों का मानना है कि अपने तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में सरकार महिलाओं-किसानों और युवाओं के लिए खजाना खोल सकती है। युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के नए उपाय बजट में दिखाई दे सकते है तो महिलाओं को लखपति बनाने की भाजपा की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार भारी निवेश की घोषणा कर सकती है।