03 सितम्बर 2024 : इंटरनेशनल कोर्ट के गिरफ्तारी वांरट को ठेंगा दिखाते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगोलिया की आधिकारिक यात्रा पर शान से पहुंच चुके हैं जहां उनका भव्य स्वागत हुआ है. पूरी दुनिया की निगाहें इस विजिट पर रही कि क्या उन्हें आज मंगोलिया में गिरफ्तार कर लिया जाएगा. भले ही कुछ जानकारों की राय में मंगोलिया ने पुतिन को बुलाकर खतरा मोल लिया हो लेकिन अपने ‘दोस्त’ को वह अपनी धरती पर अरेस्ट करने नहीं जा रहा है, ऐसा साफ दिखाई दे रहा है. मंगोलिया में पुतिन के शानदार स्वागत ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को भी भड़का दिया है जिसने खुद भी उन्हें अऱेस्ट किए जाने की मांग कर दी थी.
पुतिन को इस यात्रा के लिए खुद मंगोलियाई राष्ट्रपति उखना खुरेलसुख ने निमंत्रण दिया है. 1939 में सोवियत संघ और मंगोलिया की सेना ने मिलकर जापानी सेना को हराया था और 3 सितंबर को इसके 85 साल पूरे हो रहे हैं. पुतिन इसी समारोह का हिस्सा बनने राजधानी उलानबटोर में हैं.
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने मार्च 2023 में पुतिन के खिलाफ वारंट जारी किया था. इसके वांरट के बाद से इंटरनेशनल कोर्ट को मानने वाले किसी देश में यह उनकी पहली यात्रा है. इसी के साथ यूक्रेन ने भी पुतिन के मंगोलिया जाने पर उनकी गिरफ्तारी की मांग कर दी थी. यह पहला मौका था जब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के किसी स्थायी सदस्य देश के सर्वोच्च नेता को लेकर ऐसा वारंट जारी किया हो. रूस वैसे भी अंतरराष्ट्रीय अदालत के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है.
मंगोलिया के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट क्या कदम उठाएगा यदि…
यूं तो अंतरराष्ट्रीय अदालत के नियमों की बात करें तो मंगोलिया रूसी राष्ट्रपति को हिरासत में लेना होगा लेकिन यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कोई खास कदम नहीं उठाया जा सकता. वैसे मंगोलिया ICC का सदस्य है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंगोलिया को ICC और पश्चिमी देशों के दबाव का सामना करना पड़ सकता है. हो सकता है कि भविष्य में कुछ देश उस पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगा दें. मगर इससे अधिक कुछ और होने की आशंका कम है.