12 सितम्बर 2024 : भीगा हुआ चना भारत में एक लोकप्रिय और पारंपरिक नाश्ता है. खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में इसे काफी पसंद किया जाता है. चने को प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत माना जाता है. यह सुबह के समय युवाओं में काफी पसंद भी किया जाता है.
हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि खाली पेट इसका सेवन करना कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. इसे सही तरीके से खाने के नियमों का पालन करना जरूरी है.
खाली पेट चने खाने से दिक्कत
बीकानेर के आयुर्वेदिक डॉक्टर मुकेश गहलोत के अनुसार, भीगे हुए चने उन लोगों के लिए उपयुक्त हैं जो नियमित रूप से व्यायाम करते हैं. व्यायाम के बाद चना आसानी से पच जाता है. लेकिन जो लोग ज्यादा व्यायाम नहीं करते, उन्हें भीगे हुए चने की मात्रा कम रखनी चाहिए और अंकुरित चने नहीं खाना चाहिए. खाली पेट इसका सेवन वात रोग को बढ़ावा दे सकता है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भीगे हुए चने खाली पेट खाने से पेट और आंतों में समस्याएं हो सकती हैं. इसमें मौजूद उच्च मात्रा में फाइबर और प्रोटीन पेट की आंतरिक दीवारों पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे गैस, सूजन और एसिडिटी की समस्या उत्पन्न हो सकती है. कई बार इससे पेट में मरोड़ या दर्द भी हो सकता है.
कब और कैसे खाना चाहिए भीगा हुआ चना?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि भीगा हुआ चना हमेशा नाश्ते या हल्के भोजन के बाद खाना चाहिए. इससे शरीर को पहले ऊर्जा मिलती है और चने के पोषक तत्व आसानी से अवशोषित होते हैं. चने को अकेले खाने के बजाय, इसे फल, गुड़ या दही के साथ मिलाकर खाएं, ताकि इसका पाचन आसान हो और अतिरिक्त पोषक तत्व प्राप्त हों.
विशेषज्ञों के अनुसार, एक दिन में 50-60 ग्राम से अधिक भीगे हुए चने का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
भीगे चने के फायदे
भीगा चना पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे भूख कम लगती है और वजन घटाने में मदद मिलती है. इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं, जिससे शरीर अधिक स्वस्थ रहता है.