ऋषिकेश 01 अक्टूबर 2024 : भगवान शिव को प्रिय धतूरा केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. इसके पत्ते, बीज और फल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. आयुर्वेद में इसे दर्द निवारक और सूजन कम करने वाली औषधि माना गया है. धतूरा जोड़ों के दर्द, गठिया, अस्थमा और त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभकारी होता है. यह पाचन तंत्र को सुधारने में भी सहायक है. हालांकि, धतूरा जहरीला होता है, इसलिए इसका सेवन केवल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए.
धतूरे के औषधीय गुण
लोकल 18 को बताया कि उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित कायाकल्प हर्बल क्लिनिक के डॉ. राजकुमार (डी. यू. एम) के अनुसार, धतूरा, जिसे अंग्रेजी में “जिम्सनवीड” कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है. इसके पत्ते, बीज और फल में कई औषधीय गुण होते हैं. आयुर्वेद में धतूरा का उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है. यह एक प्रभावी दर्द निवारक है और गठिया, मांसपेशियों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है. धतूरा अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन समस्याओं में भी उपयोगी होता है, क्योंकि यह श्वसन नलियों को आराम पहुंचाता है.
फोड़े और खुजली के इलाज में सहायक
धतूरे के बीज पाचन तंत्र को सुधारने में मददगार होते हैं. इसके अलावा यह त्वचा की समस्याओं, जैसे फोड़े और खुजली के इलाज में भी सहायक है. धतूरा अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन समस्याओं में राहत देता है. क्योंकि यह श्वसन तंत्र को आराम प्रदान करता है. इसके पत्तों और बीजों का सेवन पाचन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है. हालांकि, धतूरा का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि इसकी अधिक मात्रा जहरीली हो सकती है. विशेषज्ञ की सलाह के बिना इसका उपयोग नहीं करना चाहिए. ये एक शक्तिशाली औषधि है, जो सही तरीके से प्रयोग करने पर स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है.