महाराजगंज. उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में मोतियाबिंद के मरीजों की संख्या अधिक है. इन्हें मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए महाराजगंज से गोरखपुर या किसी अन्य जगह पर जाना पड़ता था. मोतियाबिंद के मरीजों की सुविधा के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय महाराजगंज में फेको इमल्सीफिकेशन मशीन के माध्यम से ऑपरेशन किया जाएगा. जिले में इसकी सुविधा ना होने की वजह से पहले मरीजों को अन्य जगहों पर ऑपरेशन के लिए जाना पड़ता था, जिसमें उन्हें समय और पैसे दोनों बर्बाद करना पड़ता था.
जिला अस्पताल में मोतियाबिंद का होगा ऑपरेशन
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एपी भार्गव ने लोकल 18 को बताया कि जिला संयुक्त चिकित्सालय महाराजगंज में मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है. मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए फेको इमल्सीफिकेशन मशीन लगाया गया है. इसके संचालन को लेकर तीन डॉक्टरों का चयन हुआ था, जिनमें डॉ. अभिषेक सिंह को इसका प्रशिक्षण मिला है. इसके साथ ही अब जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए इस आधुनिक मशीन का संचालन शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस मशीन से ऑपरेशन में पहले की तरह बड़ा चीरा नहीं लगाना पड़ता है और इसके साथ ही मरीज को ज्यादा परेशानी भी नहीं होती है.
इस डॉक्टर को मिला मशीन चलाने का प्रशिक्षण
जिला संयुक्त चिकित्सालय महाराजगंज में फेको इमल्सीफिकेशन मशीन के संचालन के लिए डॉ. अभिषेक सिंह को इसका प्रशिक्षण भी मिला है. जिला अस्पताल में यह मशीन ऐसे ही पड़ी हुई थी. हालांकि अब इसका संचालन शुरू कर दिया गया है. इस आधुनिक तकनीक की मशीन से मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने से मरीज को काफी सहूलियत मिलेगी. इसके अलावा कम समय में ही मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा सकेगा. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक सिंह को फेको इमल्सीफिकेशन मशीन के संचालन के लिए नागपुर में दो महीने की ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था. वे ट्रेनिंग लेकर वापस भी आ गए हैं.