लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। यदि आपके आहार में पौष्टिक चीजों की कमी है, आप शारीरिक रूप से निष्क्रिय हैं या आपके परिवार में कुछ बीमारियों का इतिहास रहा है, तो भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा हो सकता है। ये बाहरी कारण हैं जो आपको बीमार बना सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारा शरीर खुद से कुछ बीमारियों को उत्पन्न कर सकता है, भले ही आपकी लाइफस्टाइल और दिनचर्या ठीक हो?
यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन शरीर की कुछ बीमारियां खुद उत्पन्न कर सकती हैं। इन्हें ऑटोइम्यून डिजीज कहा जाता है, जो तब होती हैं जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही स्वस्थ कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों पर हमला कर देती है। इससे शरीर में सूजन (इंफ्लामेशन) हो सकता है, जिससे कई प्रकार की बीमारियों का जोखिम बढ़ता है।
ऑटोइम्यून डिजीज के बारे में जानें
ऑटोइम्यून बीमारियां 80 से अधिक प्रकार की हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इन बीमारियों का इलाज नहीं है और इन्हें रोका भी नहीं जा सकता। इन बीमारियों का इलाज लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए दवाओं और सहायक चिकित्सा से किया जाता है।
कुछ प्रमुख ऑटोइम्यून बीमारियों के बारे में जानते हैं:
- टाइप-1 डायबिटीज: यह एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। यह बीमारी बच्चों में आमतौर पर पाई जाती है और इससे पीड़ित व्यक्तियों को जीवनभर इंसुलिन का सेवन करना पड़ता है।
- रूमेटाइड अर्थराइटिस: यह एक क्रोनिक ऑटोइम्यून बीमारी है जो ज्यादातर जोड़ों को प्रभावित करती है। जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही ऊतकों पर हमला करती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न और कार्यक्षमता में कमी हो सकती है। गंभीर स्थितियों में, चलने-फिरने में भी समस्या हो सकती है।
- मल्टीपल स्केलेरोसिस: यह तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में तंत्रिका कोशिकाओं के सुरक्षात्मक आवरण पर हमला करती है। इससे रोगी को देखने में समस्या, चलने में परेशानी, मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नता, थकान, चक्कर आना, शरीर में अकड़न और दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्या सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन वयस्कों और महिलाओं में अधिक आम है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के आधार पर तैयार किया गया है। यदि आपको किसी ऑटोइम्यून बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।