नई दिल्ली 28 नवंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) – Goldman Sachs ने भविष्यवाणी की है कि दिसंबर 2025 तक सोने की कीमतें $3,150 प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं, जो वर्तमान स्तर से लगभग 19 प्रतिशत अधिक है। बैंक के विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रास्फीति और बढ़ते भूराजनीतिक संकटों के कारण सोना एक प्रभावी हेजिंग टूल बन सकता है। वे मानते हैं कि केंद्रीय बैंकों की बढ़ती मांग, अमेरिकी राजकोषीय स्थिति और व्यापार तनावों की चिंताएं इस मूल्य वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

Goldman Sachs के शोध प्रमुख डैन स्टूवेन की अगुवाई में किए गए हालिया अध्ययन में कहा गया है कि बैंक अपने पूर्वानुमान को बरकरार रखते हुए सोने की कीमत को 2025 तक $3,000 प्रति औंस मानता है। उनका मानना है कि नवंबर में अनुमानित $2,640 के मुकाबले दिसंबर 2025 तक सोने की कीमत में 9 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। स्टूवेन का कहना है कि मुद्रास्फीति और बढ़ते राजकोषीय जोखिमों के कारण निवेशक सोने की ओर आकर्षित हो सकते हैं, जिससे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) और सट्टेबाजी पोजीशंस में वृद्धि हो सकती है। विशेष रूप से, अमेरिकी ट्रेजरी के बड़े भंडार वाले बैंकों को सोने की खरीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।

सोने की कीमतों पर प्रमुख जोखिम

हालांकि, Goldman Sachs का मानना है कि बढ़ती ब्याज दरें और मजबूत डॉलर सोने के बाजार के लिए नकारात्मक जोखिम उत्पन्न कर सकते हैं। उनके अनुसार, आने वाले कुछ वर्षों में कम मांग और अतिरिक्त आपूर्ति क्षमता के चलते ब्रेंट क्रूड की कीमतें $70-$85 प्रति बैरल के बीच रह सकती हैं। हालांकि, उच्च ब्याज दरों और डॉलर की मजबूती के कारण सोने की कीमतों पर कुछ नकारात्मक दबाव भी देखा जा सकता है।

यूबीएस का समान दृष्टिकोण

यूबीएस के विश्लेषकों का भी मानना है कि सोने की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं, और दिसंबर 2025 तक यह $2,900 प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। कुछ परिस्थितियों में, यह $3,000 प्रति औंस तक भी जा सकती है। उनका कहना है कि यदि भू-राजनीतिक तनाव और आपूर्ति समस्याएं बढ़ती हैं, तो सोने की कीमतों में और भी उछाल देखा जा सकता है।

ब्रेंट क्रूड की कीमतें और भविष्यवाणियाँ

Goldman Sachs ने अनुमान लगाया है कि 2025 में ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत $76 प्रति बैरल रह सकती है, और जून तक यह $78 तक पहुंच सकती है। हालांकि, दिसंबर 2025 तक यह $73 प्रति बैरल तक गिर सकती है। यदि ओपेक देशों द्वारा उत्पादन में कटौती की जाती है, तो कीमतों में और गिरावट आ सकती है, जिससे यह 2026 तक $61 प्रति बैरल तक जा सकती है।

Goldman Sachs और UBS दोनों का मानना है कि आने वाले वर्षों में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है, विशेषकर जब वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक स्थिति और अधिक अस्थिर होती है।

Bharat Baani Bureau

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