वॉशिंगटन, 10 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) : अमेरिका में TikTok को प्रतिबंध से बचाने की उसकी कोशिश को बड़ा झटका लगा है। एक फेडरल अपील कोर्ट ने TikTok की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कानून को असंवैधानिक बताते हुए दावा किया था कि इससे 170 मिलियन अमेरिकी उपयोगकर्ताओं की “फ्री स्पीच” पर असर पड़ेगा। कोर्ट ने इस कानून को वैध ठहराते हुए कहा कि यह कांग्रेस और राष्ट्रपति के साझा प्रयासों का परिणाम है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उठाया गया एक आवश्यक कदम है, क्योंकि TikTok के मालिकाना हक को चीन से जुड़ा माना जा रहा है।
TikTok ने कहा है कि वह इस फैसले को अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में चुनौती देगा। कंपनी का दावा है कि यह कानून “गलत और काल्पनिक जानकारी” पर आधारित है और अमेरिकी नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करता है। 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विजेता डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव से पहले TikTok पर प्रतिबंध न लगाने का वादा किया था। हालांकि, यह देखना बाकी है कि 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद वह इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाएंगे।
अगर TikTok पर प्रतिबंध लगा तो Meta (Facebook, Instagram) और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म को इसका बड़ा लाभ मिल सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि TikTok जैसी सफलता हासिल करना आसान नहीं होगा। इस प्रतिबंध से कई छोटे व्यवसाय और कंटेंट क्रिएटर निराश हैं, जो TikTok पर निर्भर हैं। उनका कहना है कि वे अन्य प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए मजबूर नहीं होना चाहते। इस फैसले का असर अमेरिका की राजनीति, सोशल मीडिया उपयोग और छोटे व्यवसायों पर व्यापक हो सकता है। अब सभी की नजरें Supreme Court के आगामी फैसले पर टिकी हैं।
सारांश – अमेरिका में TikTok को प्रतिबंधित होने से बचाने की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। फेडरल अपील कोर्ट ने TikTok की याचिका खारिज करते हुए प्रतिबंध को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उचित ठहराया है, क्योंकि कंपनी के मालिकाना हक को चीन से जुड़ा माना जाता है। TikTok ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है, यह दावा करते हुए कि यह कानून गलत जानकारी पर आधारित है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करता है।
अगर TikTok पर प्रतिबंध लगा तो Meta और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म को फायदा हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि TikTok की सफलता को दोहराना आसान नहीं होगा। इस प्रतिबंध से छोटे व्यवसाय और कंटेंट क्रिएटर्स प्रभावित हो सकते हैं, जो अन्य प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए अनिच्छुक हैं। यह मामला अमेरिका की राजनीति, सोशल मीडिया उपयोग, और छोटे व्यवसायों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।