नई दिल्ली 27 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) -: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की पत्नी सारा नेतन्याहू के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इजरायल की अटॉर्नी जनरल गाली बहारव-मियारा ने पुलिस को जांच का आदेश दिया है. दरअसल, एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सारा नेतन्याहू ने विरोधियों और गवाह को परेशान किया है. इजरायल की अटॉर्नी जनरल ने कहा, ‘उवडा शो के संबंध में गवाहों को परेशान करने और न्याय में बाधा डालने के संदेह की जांच की जानी चाहिए. यह शो पिछले हफ्ते इजरायल के चैनल 12 टेलीविजन पर प्रसारित हुआ था.
दरअसल, इजरायल के अटॉर्नी जनरल ने पुलिस को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की पत्नी के खिलाफ जांच शुरू करने का आदेश दिया है. उन पर राजनीतिक विरोधियों और इजरायली नेता के भ्रष्टाचार मामले में एक गवाह को परेशान करने का शक है. अटॉर्नी जनरल गली बहारव-मिआरा ने के मुताबिक, यह जांच ‘उवडा’ नामक खोजी कार्यक्रम द्वारा सारा नेतन्याहू की हालिया रिपोर्ट पर केंद्रित होगी.
टीवी चैनल कार्यक्रम में क्या हुआ था
इस कार्यक्रम में व्हाट्सएप संदेशों का एक जखीरा उजागर हुआ था. इसमें बेंजामिनत नेतन्याहू की पत्नी सारा नेतन्याहू अपने एक पूर्व सहयोगी को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने और मुकदमे की एक प्रमुख गवाह हदास क्लेन को डराने के निर्देश देती हुई दिखाई देती हैं. हालांकि, घोषणा में सारा नेतन्याहू का नाम नहीं लिया गया और न्याय मंत्रालय ने आगे कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
चैनल 12 की रिपोर्ट में सारा पर गंभीर आरोप
चैनल 12 ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया कि सारा नेतन्याहू ने अपने पति के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे में एक गवाह को धमकाया है. रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने परोक्ष रूप से अटॉर्नी जनरल और डिप्टी स्टेट अटॉर्नी को भी परेशान किया. हालांकि, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी पत्नी का बचाव करते हुए एक वीडियो भाषण जारी किया था. इसमें उन्होंने चैनल 12 की रिपोर्ट को ‘पक्षपाती’ और झूठा प्रचार बताया था. उन्होंने कहा कि मैं देखना चाहता हूं कि चैनल 12 या दूसरे भड़काऊ चैनल वामपंथी खेमे की भी जांच करें. लेकिन ऐसा होने की उम्मीद मत करो. ऐसा कभी नहीं होगा. वहीं, इजरायल के न्याय मंत्री यारिव लेविन ने अटॉर्नी जनरल के आदेश की आलोचना की है.
बेंजामिन नेतन्याहू पर क्या-क्या आरोप
बेंजामिन नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार का मुकदमा जनवरी 2020 में शुरू हुआ था. इसी के साथ वे धोखाधड़ी, विश्वासघात और रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना करने के लिए अदालत में पेश होने वाले पहले इजरायली प्रधानमंत्री बन गए थे. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने ऊपर लगे आरोपों से बार-बार इनकार किया है और खुद को निर्दोष बताया है. उन पर तीन अलग-अलग मामलों में आरोप हैं. केस 1000 में उन पर धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी व्यापारियों से सिगार और शैंपेन जैसे तोहफे लिए थे. केस 2000 में उन पर धोखाधड़ी और विश्वासघात का आरोप है. उन पर आरोप है कि उन्होंने इज़राइल के एक शीर्ष समाचार पत्र को उसके प्रतिद्वंद्वी के प्रसार को सीमित करने के बदले में अनुकूल कवरेज देने को कहा था. सबसे गंभीर मामला केस 4000 में है. उन पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वासघात का आरोप है. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने दोस्त शाऊल एलोविच को उस समय $250 मिलियन से अधिक के नियामक लाभ पहुंचाए थे. एलोविच दूरसंचार कंपनी बेजेक के नियंत्रक शेयरधारक थे.