नई दिल्ली 2 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) -. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की हालिया रिपोर्ट ने देशभर में तहलका मचा दिया. इस रिपोर्ट में बताया गया कि देश का सबसे अमीर मुख्यमंत्री कौन है और उनके पास कितनी संपत्ति है. इसकी जानकारी देश के तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में भी दी गई, लेकिन यह नहीं बताया गया कि आखिर इस कमाई का जरिया क्या है. ऐसे में विपक्ष और आम आदमी के मन में एक ही बात आने लगी कि जरूर कुछ घपला-वपला करके सीएम ने यह प्रॉपर्टी बनाई है. अब उनकी तरफ से पूरी जानकारी सामने रख दी गई है, जिसमें कमाई का जरिया और तरीका दोनों ही बताया गया है.
एडीआर रिपोर्ट में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्र में मोदी सरकार के सहयोगी एन चंद्रबाबू नायडू को देश का सबसे अमीर सीएम बताया गया था. उनके पास करीब 931 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई गई थी. अब सीएम की कंपनी की ओर से इस पर स्पष्टीकरण जारी किया है. चंद्रबाबू नायडू के डेयरी उत्पाद फर्म हेरिटेज फूड्स लिमिटेड में नायडू परिवार की करीब 82 फीसदी हिस्सेदारी है. यह जानकारी कंपनी के अधिकारियों ने दी है.
1992 में बनाई थी कंपनी
अधिकारियों ने कहा कि इस कंपनी को तीन दशक से भी अधिक पहले भारतीय अर्थव्यवस्था को खोले जाने के तुरंत बाद 1992 में स्थापित किया गया था. दूध और डेयरी उत्पादों की खुदरा बिक्री करने वाली इस कंपनी को 1994 में शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया गया था. वैसे इस कंपनी में नायडू की कोई हिस्सेदारी नहीं है लेकिन उनकी पत्नी भुवनेश्वरी नारा के पास 24.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत लगभग 763 करोड़ रुपये है. उनकी इस शेयर पूंजी को नायडू की संपत्ति के रूप में गिना जाता है.
क्या करती है कंपनी
हेरिटेज फूड्स के अधिकारियों ने बताया कि कंपनी शुद्ध रूप से दैनिक उत्पाद बेचने वाली खुदरा विक्रेता है और बुनियादी ढांचा जैसे साठगांठ पर आधारित किसी पूंजीवादी क्षेत्र में नहीं है. इसे किसी तरह की सरकारी सब्सिडी या मदद भी नहीं मिलती और कोई खुदरा विक्रेता तभी आगे बढ़ सकता है जब उसके उत्पादों को लोग पसंद करें. यह कंपनी तब स्थापित की गई थी जब नायडू सिर्फ एक विधायक थे. फर्म के शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद वह राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.
दूध बेचने के लिए बनाई थी फर्म
कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि 1990 के दशक की शुरुआत में संयुक्त आंध्र प्रदेश में नायडू का गृह जनपद चित्तूर राज्य का सबसे बड़ा दूध उत्पादक जिला था. उस समय यहां दूध का उत्पादन खपत से अधिक होता था और उसका विपणन कर पाना दूध उत्पादकों के लिए मुश्किल था. तब नायडू ने 1992 में 50 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ हेरिटेज फूड्स की स्थापना की थी. नायडू दो साल तक हेरिटेज फूड्स के प्रबंध निदेशक रहे थे, लेकिन 1994 में पहली बार मंत्री बनने पर उन्होंने पद छोड़ दिया था.