Tips to Improve Stomach Problems 7 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) -: मास्टर शेफ इंडिया की सेमीफाइनलिस्ट कीर्ति धीमन ने दावा किया कि एक आयुर्वेदिक नुस्खे ने उसके पूरे शरीर के सिस्टम को तरोताजा कर दिया है. दरअसल, कीर्ति धीमान ने कहा कि वह रोज सुबह खाली पेट सबसे पहले गर्म पानी में एक चम्मच घी मिलाकर पीती हैं. इसके पीने के बाद से उसकी स्किन में निखार आ गई है. स्किन पहले से साफ हो गई है और पहले से ज्यादा हाइड्रेटेड महसूस करती है. घी में आवश्यक फैटी एसिड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो आपको हर तरह से फायदा पहुंचाता है. गर्म पानी और घी का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे आंतों के हर दुखती रग पर मरहम लग जाती है क्योंकि इससे डाइजेशन बूस्ट होता है और पेट फूलने की समस्या खत्म हो जाती है. इसके साथ गैस और कब्ज की समस्या भी खत्म हो जाती है. वही कीर्ति धीमान यह भी दावा करती हैं कि इससे वजन भी कम होता है और शुगर को भी कंट्रोल किया जा सकता है.

स्किन पर भी लाता है निखार
इंडियन एक्सप्रेस की खबर ने कीर्ति धीमान के दावों पर डायटीशियन जीनल पटेल से बात की. जीनल पटेल ने कहा कि घी पीने से वास्तव में पेट से संबंधित कई तरह की समस्याओं का समाधान हो सकता है. इससे गैस, अपच, पेट फूलना और कब्ज जैसी समस्याओं का अंत हो सकता है. उन्होंने कहा कि जो लोग वजन कम करना चाहते हैं वह घी और गुनगुने पानी का अवश्य इस्तेमाल कर सकते हैं. घी से स्किन के कोलेजन का प्रोडक्शन बढ़ता है जिससे स्किन पर निखार आता है. वहीं घी घी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है और शरीर में जल्दी एनर्जी भी देता है. हालांकि घी बेशक फायदेमंद है लेकिन इसका कम मात्रा में सेवन करना चाहिए. वरना इससे नुकसान भी हो सकता है.

आंत की हर कोशिका को पहुंचाता है फायदा
दूसरी तरफ हैदराबाद की डायटीशियन डॉ. बिराली स्वेता बताती हैं कि गुनगुने पानी में घी को डालकर इसका सेवन करना आयुर्वेद में बहुत पॉपुलर है लेकिन इसका वैज्ञानिक आधार सीमित है. इसलिए पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि घी और गर्म पानी से वजन को कम किया जा सकता है. परंपरागत रूप से ऐसा माना जाता है कि घी डाइजेशन को बूस्ट करता है और आंत की सेहत के लिए यह बेहद फायदेमंद है. इससे पाचन शक्ति बढ़ जाती है. इसका कारण है कि घी में ब्यूटाइरिक एसिड होता है और इसमें हेल्दी फैट भी होता है. ब्यूटाइरिक एसिड आंत की कोशिकाओं को राहत पहुंचाता है और इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है. इसलिए यह आंत की कई समस्याओं का अंत कर सकता है. इन सबके बावजूद इनका क्लीनिकल रिसर्च बहुत सीमित है. इसलिए डॉक्टरों की सलाह से ही ऐसा किया जाना चाहिए.

Bharat Baani Bureau

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