21 फरवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – अमेरिका का कोई भरोसा नहीं. वह अपने मंसूबों को पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. ताजा उदाहरण ब्रिक्स देशों पर ट्रंप के दावे का है. जी हां, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब ‘फूट डालो और राज करो’ वाला गेम खेल रहे हैं. वह डरा-धमका कर ब्रिक्स देशों को तोड़ना चाहते हैं. पहले तो
उन्होंने बार-बार टैरिफ की धमकी दी. अब ट्रंप ने ब्रिक्स पर चौंकाने वाला दावा किया है. डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनकी 150 फीसदी टैरिफ की धमकी से ब्रिक्स टूट गया है.

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत समेत ब्रिक्स समूह उस वक्त टूट गया, जब उन्होंने समूह को 150 फीसदी टैरिफ की धमकी दी. ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को बार-बार चेताया था कि अगर ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर की जगह किसी दूसरी मुद्रा यानी ब्रिक्स करेंसी को वैश्विक मुद्रा बनाने की कोशिश की तो उन पर बड़े पैमाने पर टैरिफ लगाए जाएंगे. ट्रंप का दावा ऐसे वक्त में है, जब ब्रिक्स देश ऐसी किसी करेंसी की मंशा से इनकार करते रहे हैं.

ट्रंप का नया दावा तो जानिए
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि उनके साथ क्या हुआ. हमने हाल ही में ब्रिक्स देशों से कुछ नहीं सुना है.’ ट्रंप ने कहा, ‘ब्रिक्स देश हमारे डॉलर को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे. वे एक नई मुद्रा बनाना चाहते थे. इसलिए जब मैं आया, तो मैंने सबसे पहले यही कहा था कि जो भी ब्रिक्स देश डॉलर को खत्म करने की बात करेगा, उस पर 150 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा और हमें आपके सामान नहीं चाहिए. इसके बाद ब्रिक्स देश टूट गए, बिखर गए.’

ब्रिक्स में कौन-कौन देश शामिल?
ब्रिक्स में दस देश शामिल हैं. ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात. ब्रिक्स 2009 में बना था. यह इकलौता बड़ा अंतरराष्ट्रीय समूह है जिसमें अमेरिका शामिल नहीं है.

क्यों डरे हैं ट्रंप
‘ट्रंप बार-बार टैरिफ की धमकी ब्रिक्स देशों को देते रहे हैं. राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद से जब भी मौका मिला है, वह टैरिफ से ब्रिक्स देशों को डरा रहे हैं. वह भारत, चीन और रूस समेत ब्रिक्स की बढ़ती ताकत से घबरा रहे हैं. यूं कहिए कि ट्रंप नहीं चाहते कि भारत, रूस और चीन की कोई तिकड़ी बने. उन्हें डर है कि अगर ब्रिक्स देश अपनी करेंसी बनाते हैं तो अमेरिका का बैंड बज जाएगा. यही वजह है कि वह बार-बार टैरिफ वाली धमकी दोहरा रहे हैं.

ट्रंप ने पहले क्या कहा था
इससे पहले भी डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था, ‘ये सोचना बंद करो कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूरी बना रहे हैं और हम बस देखते रहेंगे. अब ऐसा नहीं होने वाला. इन तथाकथित विरोधी देशों को साफ तौर पर ये वादा करना होगा कि ना तो ये कोई नई ब्रिक्स करेंसी बनाएंगे और ना ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर को रिप्लेस करने के लिए किसी और करेंसी को समर्थन देंगे. अगर ऐसा नहीं होता है तो इन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. इतना ही नहीं, इन्हें अमेरिका के शानदार बाजार में अपने सामान की बिक्री करने के बारे में भी भूल जाना होगा. ये देश कोई और बेवकूफ देश ढूंढ सकते हैं. ब्रिक्स देशों के पास कोई मौका नहीं है कि वो अंतरराष्ट्रीय व्यापार या कहीं और भी अमेरिकी डॉलर की जगह ले सकें. अगर कोई भी देश ऐसा करने की कोशिश करता है तो उसे टैरिफ के लिए तैयार रहना होगा. इतना ही नहीं, उसे अमेरिका को अलविदा कहना होगा.’

सारांश: पहले टैरिफ की धमकी, अब BRICS को तोड़ने का दावा! डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति पर बढ़ी चर्चा, क्या ये ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति है?

Bharat Baani Bureau

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