25 अप्रैल 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रवर्तकों के खिलाफ पैसों के हेरफेर के आरोपों की जांच कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि बाजार नियामक सेबी ने मामले को जांच के लिए एनएफआरए के पास भेजा था।

सेबी ने अपने आदेश में बताया था कि प्रवर्तकों की हिस्सेदारी में भारी गिरावट कथित तौर पर स्वाभाविक नहीं थी बल्कि झूठे खुलासे, फर्जी लेनदेन और पैसों के हेरफेर के जरिये सुनियोजित तरीके से किया गया था।

इसकी वजह से प्रवर्तकों की हिस्सेदारी लगभग नगण्य हो गई और आम निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा। एनएफआरए का दायरा 500 करोड़ से अधिक चुकता पूंजी या 1,000 करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाली सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की ऑडिट फर्मों तक फैला हुआ है। एनएफआरए बीमा, बैंकिंग और बिजली उत्पादन या आपूर्ति में लगी कंपनियों के ऑडिटरों की भी जांच कर सकता है।

भारतीय सनदी लेखाकर संस्थान (आईसीएआई) के वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) ने भी 2023-24 के लिए जेनसोल इंजीनियरिंग और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के वित्तीय विवरणों और लेखा परीक्षक की रिपोर्ट की समीक्षा करने का निर्णय किया है। सूत्रों के अनुसार सरकार जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय से भी जांच कराने पर विचार कर रही है।

सारांश:
Gensol इंजीनियरिंग पर पैसों के हेरफेर का शक जताया जा रहा है, जिसके बाद NFRA (National Financial Reporting Authority) ने जांच शुरू कर दी है। SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने इस मामले में कुछ सबूत प्रदान किए थे, जिससे यह जांच और भी गहरी हो गई है। यह मामला वित्तीय अनियमितताओं के संदर्भ में उठ रहा है, और इससे कंपनी के निवेशकों के बीच चिंता बढ़ गई है।

Bharat Baani Bureau

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