13 मई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – भारत और पाकिस्‍तान के बीच युद्ध के दौरान बार-बार इस तरह की खबरें सामने आ रही थी कि तुर्की-चीन और अजरबैजान जैसे देश बैक-चैनल से पाकिस्‍तान को सपोर्ट कर रहे हैं. आज डायरेक्‍टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानी DGMO की प्रेस ब्रीमिंग के दौरान खुले तौर पर राजीव घई ने चीन का नाम लिया. उन्‍होंने कहा कि चीन द्वारा मुहैया कराए गए मिसाइल का इस्‍तेमाल पाकिस्‍तान की आर्मी ने ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में भारत के खिलाफ किया. उन्‍होंने कहा कि चीन के मिसाइल टारगेट को हिट करने से मिस कर गए. इंडियन आर्मी ने इन मिसाइलों को बरामद कर लिया है. डीजीएमओ ने कहा कि भारतीय नौसेना कई सेंसर और इनपुट का उपयोग करके निरंतर निगरानी कर रही है. पाकिस्तान के हथियारबंद ड्रोन को एयर डिफेंस ग्रिड और कंधे से दागे जाने वाले हथियारों से मार गिराया गया.

पाकिस्‍तान की तरफ से लगातार यह झूठ फैलाया जा रहा था कि उधमपुर एयरबेस पर मौजूद एयर डिफेंस सिस्‍टम को पाक आर्मी ने ध्‍वस्‍त कर दिया है. इस संबंध में कई पुराने फर्जी वीडियो भी वायरल कराए गए, जिनकी पोल चंद मिनटों में खुल गई. इसपर एयर मार्शल एके भारती ने कहा मैं ‘स्पष्ट शब्दों में बताना चाहता हूं सभी मिलिट्री बेस ऑपरेशनल हैं और जरूरत पड़ने पर भविष्य में किसी भी मिशन को पूरा करने के लिए तैयार हैं.’

आतंक के खिलाफ लड़ाई को पाक ने अपना बनाया

उधर, प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में मौजूद डायरेक्‍टर जनरल ऑफ एयर ऑपरेशन अवधेश भारती ने कहा कि कल हमले डीटेल जानकारी दी थी कैसे हमने हमलों को अंजाम दिया. हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ थी. लिहाजा 7 मई को उनके ठिकानों पर ही अटैक किया गया था. मगर पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों का साथ देना ठीक समझा और पाक आर्मी ने आतंकियों के खिलाफ लड़ाई को अपनी लड़ाई बना लिया. वो इस नुकसान के लिए खुद ही जिम्मेदार हैं. DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जम्मू कश्मीर में लंबे समय से आतंकी हमले हो रहे थे. पहलगाम में आतंक के पाप का घड़ा भर गया था. हमने पहले से ही एयर डिफेंस सिस्टम तैयार कर लिए थे. पाकिस्तान की वायुसेना ने हमले की कई कोशिशें कीं, लेकिन सब नाकाम रहे.’

हमारे पास एयर डिफेंस सिस्‍टम की वैरायटी

भारती ने कहा, “पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन और मानवरहित युद्धक हवाई वाहनों की कई लहरों को स्वदेशी रूप से विकसित सॉफ्ट और हार्ड किल काउंटर-यूएएस सिस्टम और अच्छी तरह से प्रशिक्षित भारतीय वायु रक्षा कर्मियों ने नाकाम कर दिया. हमने सिविलियन और मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को न्यूनतम रखा, जबकि पाकिस्तानी सेना लगातार हमले कर रही थी. आपको पता है कि एयर डिफेंस सिस्टम की हमारे पास वैरायटी है, लो लेवल फायरिंग, सरफेस टू एयर मिसाइल, लॉन्ग और शॉर्ट रेंज मिसाइल शामिल हैं. हम पर ड्रोन और यूएवी से हमला किया गया. पाकिस्तानी हमले के दौरान हमारे सभी सिस्टम एकसाथ सक्रिय हुए. मॉडर्न डेज वार फाइटिंग के लिहाज से ये अहम था. पुराने माने जा रहे एयर डिफेंस सिस्टम ने भी सही तरह से काम किया.”

हमारे उपकरण  एक दम फिट

एयर मार्शल एके भारती ने बताया, “पाकिस्तान की तरफ से किए गए हमले में चाइनीज ओरिजन की मिसाइल शामिल थीं, इनमें लॉन्ग रेंज रॉकेट और यूएवी थे. चीनी ओरिजन के कुछ कॉप्टर्स और ड्रोन (बाद में उन्होंने इसे टर्किश बताया) थे. इन्हें हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया.” भारती ने कहा, “मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि हमारे सभी सैन्य अड्डे और सभी उपकरण और प्रणालियां चालू हैं और जरूरत पड़ने पर अपने अगले मिशन के लिए तैयार व तत्पर हैं.”

डीजीएमओ ने किया विराट के सन्‍यास का जिक्र

जनरल राजीव घई ने कहा, “हमारे एयरफील्ड और लॉजिस्टिक्स को निशाना बनाना बहुत कठिन है. मैंने देखा कि विराट कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है, वह मेरे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं. 1970 के दशक में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया के दो गेंदबाजों ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया था. तब ऑस्ट्रेलिया ने एक कहावत दी थी, “राख से राख, धूल से धूल, अगर थॉमो नहीं तो लिली जरूर मार गिराएगा.” अगर आप हमारे रक्षा स्तरों को देखेंगे, तो समझ जाएंगे कि मैं क्या कहना चाहता हूं. भले ही आप सभी स्तरों को पार कर लें, इस ग्रिड सिस्टम का कोई न कोई स्तर आपको जरूर रोक लेगा.”

सारांश:
भारत-पाक तनाव के बीच पहली बार चीन का नाम सामने आया है। भारतीय सेना के DGMO (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस) ने प्रेस ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि सीमा पर जारी गतिविधियों में चीन की भूमिका की भी जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा में कोई समझौता नहीं करेगा और हर साजिश का मुंहतोड़ जवाब देगा। DGMO ने कहा कि सच्चाई को सामने लाकर “दूध का दूध, पानी का पानी” कर दिया गया है।

Bharat Baani Bureau

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