कोरबा 19 मई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) -. हिंदी पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ शुरू हो गया है, जो 11 जून 2025 तक रहेगा. आयुर्वेद में प्रत्येक मास में खान-पान को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जिनका पालन करके हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं. इस बारे में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
डॉ. शर्मा के अनुसार, भारतीय संस्कृति में ऋतुचर्या का महत्वपूर्ण स्थान है, जिसके अनुसार हमें ऋतुओं के अनुसार अपने खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए. ज्येष्ठ मास में सूर्य की गर्मी अत्यधिक बढ़ जाती है, जिससे वातावरण और शरीर में जल का स्तर गिरने लगता है. इसलिए, इस महीने में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक है, खासकर मटके या सुराही का पानी.
ज्येष्ठ मास में लू लगने और पाचन तंत्र कमजोर होने के कारण अतिसार, पेट दर्द, बुखार और खांसी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में गरिष्ठ और मसालेदार भोजन, लाल मिर्च और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए. koबैंगन खाने से वात रोग होने की संभावना बढ़ जाती है. इस महीने सुबह का भोजन जल्दी करना चाहिए और मधुर रस वाले खाद्य पदार्थों जैसे बेल का सेवन लाभकारी होता है. दोपहर के भोजन के बाद कुछ समय विश्राम करना भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा है.
महाभारत में भी ज्येष्ठ मास में भोजन के बारे में कहा गया है कि जो व्यक्ति इस महीने में दिन में एक बार भोजन करता है, वह निरोगी रहता है.
क्या खाएं?
फल: बेल, संतरा, तरबूज, खरबूजा, आम, मौसंबी, सेब, नारियल
अनाज: जौ, ज्वार की खीर, सत्तू, चावल, मक्के की खीर
दालें: मोंठ, चना, तुअर, मसूर
सब्जियां: तुरई, ककड़ी, जिमीकंद, हरा धनिया, करेला, लौकी, सहजन की फली, पुदीना, चौलाई, पालक
मसाले: जीरा, धनिया, पुरानी इमली, मीठा नीम, हल्दी, इलायची, पतली दालचीनी
क्या न खाएं?
अनाज: बाजरा, गेहूं
दालें: उड़द
सब्जियां: बैंगन, मूली, नई इमली, फूल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, चुकंदर, अदरक, काली मिर्च
फल: पपीता
अधिक तेल-मसाले वाले, देर से पचने वाले भारी भोजन और बासी भोजन से भी बचें.
जीवनशैली:
सुबह जल्दी उठें, सुपाच्य और ताजा भोजन करें, पानी ज्यादा पिएं, दोपहर के भोजन के बाद आराम करें, धूप में जाने से बचें, योग, प्राणायाम और व्यायाम करें, लेकिन अत्यधिक श्रम से बचें.
देर तक सोना, धूप में घूमना, मसालेदार और तैलीय भोजन करना, तामसिक भोजन करना और रात्रि जागरण से बचें.
सारांश:
गर्मी के मौसम में कुछ खाने-पीने की चीजें सेहत के लिए हानिकारक होती हैं और ये रातों-रात बीमार कर सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार सही खानपान अपनाकर हम शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं और गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचाव कर सकते हैं।