19 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) पिछले कुछ वर्षों में भारत के ऑफिस मार्केट में परिवर्तनकारी बदलाव देखने को मिला है। देश के शीर्ष सात शहरों में उच्च-गतिविधि वाले माइक्रो मार्केट में 2020 से लगातार उच्च मांग और आपूर्ति देखी जा रही है। इन माइक्रो मार्केट ने 2020 से भारत की ग्रेड ए ऑफिस मांग और आपूर्ति का क्रमशः दो-तिहाई और तीन-चौथाई हिस्सा सामूहिक रूप से संभाला है। आगे इन माइक्रो मार्केट में ऑफिस की मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है और इनमें ऑफिस की सालाना औसत मांग 10 लाख वर्ग फुट से अधिक हो सकती है।  4 उच्च-गतिविधि वाले माइक्रो मार्केट बेंगलूरु में, 3-3 दिल्ली एनसीआर और पुणे में, 2-2 चेन्नई और हैदराबाद में और 1 मुंबई में है।

कुल ऑफिस मांग में माइक्रो मार्केट की कितनी है हिस्सेदारी?

देश के 7 प्रमुख शहरों में उच्च गतिविधि वाले 15 माइक्रो मार्केट है। देश के ऑफिस मार्केट में इन माइक्रो मार्केट की बड़ी हिस्सेदारी है। संपत्ति सलाहकार फर्म कॉलियर्स के मुताबिक 2020 से 2025 की पहली तिमाही के दौरान देश के ऑफिस मार्केट में कुल मांग 25.51 करोड़ वर्ग फुट दर्ज की गई। इसमें 7 प्रमुख शहरों के 15 माइक्रो मार्केट की हिस्सेदारी 16.68 वर्ग फुट यानी 65 फीसदी रही। इसी तरह इस अवधि में कुल आपूर्ति 22.66 करोड़ वर्ग फुट में से इन माइक्रो मार्केट में 17.22 करोड़ वर्ग फुट आपूर्ति हुई। कुल आपूर्ति में इन माइक्रो मार्केट का हिस्सा 76 फीसदी दर्ज किया गया। 2025 की पहली तिमाही तक ऑफिस मार्केट का स्टॉक 79.90 करोड़ वर्ग फुट है। इसमें 45.12 करोड़ वर्ग फुट के साथ 57 फीसदी हिस्सेदारी माइक्रो मार्केट की है।

High-activity office micro markets: A snapshot

 Stock in msf (as of Q1 2025)Demand in msf (2020-Q1 2025)New supply in msf (2020-Q1 2025)
Overall office market*797.9255.1226.6
15 high-activity micro markets451.2166.8172.2
Share of high-activity micro markets57%65%76%

प्रमुख माइक्रो मार्केट में ऑफिस की मांग व आपूर्ति

देश के 7 प्रमुख शहरों में उच्च गतिविधि वाले 4 माइक्रो मार्केट बेंगलूरु में है। इस शहर का आउटर रिंग रोड ऑफिस मार्केट (ओआरआर) के लिहाज से देश का सबसे बड़ा माइक्रो मार्केट है। 2020 से 2025 की पहली तिमाही तक ओआरआर में सबसे अधिक 3.27 करोड़ वर्ग फुट मांग दर्ज की गई। यहीं सबसे अधिक 9.15 करोड़ वर्ग फुट ऑफिस स्टॉक मौजूद है। आपूर्ति के मामले में यह दूसरे स्थान पर है।  ओरआरआर के बाद मांग के मामले में 2.91 करोड़ वर्ग फुट मांग के साथ हैदराबाद का एसबीडी मार्केट दूसरे, बेंगलूरु का Whitefield तीसरे, चेन्नई का ओएमआर जोन-1 चौथे स्थान पर है। दिल्ली एनसीआर नोएडा एक्सप्रेस वे माइक्रो मार्केट छठे पायदान पर है।

आगे कैसा रहने वाला माइक्रो मार्केट का भविष्य?

बीते 5 वर्षों के दौरान माइक्रो मार्केट में ऑफिस की मांग तेजी से बढ़ी है। आगे भी इसमें बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना है। कॉलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक ( कार्यालय सेवाएं) अर्पित मेहरोत्रा ने कहा कि भारत का ऑफिस मार्केट 15 से 20 उच्च-गतिविधि वाले माइक्रो मार्केट के नेतृत्व में स्थिर मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। इनमें से कुछ माइक्रो मार्केट पहले से ही वाणिज्यिक अचल संपत्ति केंद्र बन चुके हैं। आने वाले वर्षों में इन उच्च गतिविधि वाले माइक्रो मार्केट में प्रत्येक में वार्षिक मांग और आपूर्ति 10 लाख वर्ग फुट से अधिक होने की संभावना है, जो भारत में वाणिज्यिक अचल संपत्ति की रूपरेखा को आगे बढ़ाएगा। दिलचस्प बात यह है कि भारत किराये के अंतर के मामले में रणनीतिक रूप से स्थित रहेगा, जिसमें ग्रेड ए की आधी से अधिक मांग माइक्रो मार्केट में होने की उम्मीद है।

मुंबई और दिल्ली एनसीआर सबसे ज्यादा किराए और सबसे कम खाली जगहों वाले माइक्रो मार्केट की सूची में सबसे ऊपर

भारत के ज्यादातर माइक्रो मार्केट में महामारी से पहले के स्तर की तुलना में किराए में बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन मुंबई और दिल्ली एनसीआर के चुनिंदा माइक्रो मार्केट औसत किराए के मामले में सबसे आगे बने हुए हैं। मुंबई में बीकेसी, सीबीडी, लोअर परेल, वर्ली-प्रभादेवी, गोरेगांव/जेवीएलआर और कलिना और दिल्ली एनसीआर में सीबीडी, एयरोसिटी, गोल्फ कोर्स रोड और साउथ दिल्ली भारत में सबसे ज़्यादा किराए वाले माइक्रो मार्केट की सूची में सबसे ऊपर हैं। इसी तरह भारत में लगभग 30 फीसदी ऑफ़िस माइक्रो मार्केट में खाली जगहों का स्तर (vacancy level ) 10 फीसदी से कम है, जबकि भारत के स्तर पर खाली जगहों का स्तर 16.2 फीसदी है। हाल के वर्षों में मांग आपूर्ति से काफी अधिक होने के कारण मुंबई में गोरेगांव/जेवीएलआर, सीबीडी, ठाणे, एलबीएस/पूर्वी उपनगर और बीकेसी तथा दिल्ली एनसीआर में एरोसिटी, साइबर सिटी और एमजी रोड, बेंगलूरु में सीबीडी और चेन्नई में गिंडी में रिक्तियों का स्तर देश में सबसे कम है।

शीर्ष 10 सूक्ष्म बाजारों में ग्रेड ए इन्वेंट्री का 72 फीसदी हिस्सा REIT योग्य

भारत में Real estate investment trusts (REIT”) योग्य ऑफिस स्टॉक के 48.80 करोड़ वर्ग फुट में से 56 फीसदी शीर्ष 10 माइक्रो मार्केट में है। इन माइक्रो मार्केट में कुल स्टॉक के 72 फीसदी के बराबर ग्रेड ए इन्वेंट्री (Q1 2025 तक) का 27.5 करोड़ वर्ग फुट हिस्सा पहले से ही REIT के अंतर्गत है या भविष्य में REIT के रूप में सूचीबद्ध होने की संभावना है। बेंगलूरु (ORR और व्हाइटफील्ड) और हैदराबाद (SBD और ऑफ SBD) के प्रमुख माइक्रो मार्केट  में सामूहिक रूप से भारत के REIT-योग्य ऑफिस स्टॉक का 38 फीसदी हिस्सा है। इन चार माइक्रो मार्केट में कुल मिलाकर 3.5 करोड वर्ग फुट से अधिक ऑफिस स्टॉक पहले से ही मौजूद REIT के अंतर्गत है।

india’s high-activity office micro markets

Micro marketCityStock in msf (as of Q1 2025)Demand in msf (2020-Q1 2025)New supply in msf (2020-Q1 2025)Vacancy in % (as of Q1 2025)WAQ Rentals in INR/sf/month (as of Q1 2025)
ORRBengaluru91.532.726.910.6%108.1
SBDHyderabad66.429.127.911.7%93.9
WhitefieldBengaluru49.316.616.218.2%67.6
Off SBDHyderabad43.910.428.439.6%70.5
Noida ExpresswayDelhi NCR25.88.411.923.8%65.9
SBD 1Bengaluru24.49.14.77.0%148.1
OMR Zone 1Chennai22.811.24.511.0%99.5
Andheri EastMumbai20.75.14.09.7%148.2
Gurugram NH 48Delhi NCR19.37.77.615.0%147.9
NorthBengaluru17.87.211.538.5%72.7
Golf Course Extn. RoadDelhi NCR16.06.37.127.2%91.0
KharadiPune15.95.86.415.6%90.5
CBDPune15.54.34.717.7%105.9
MPRChennai12.46.85.210.6%82.9
Baner-BalewadiPune9.56.15.26.7%90.6

सारांश:
देश के माइक्रो मार्केट्स में ऑफिस स्पेस की मांग तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले वर्षों में हर साल 10 लाख वर्ग फुट से अधिक की डिमांड हो सकती है। कॉर्पोरेट विस्तार, स्टार्टअप कल्चर और लचीले वर्कस्पेस की बढ़ती जरूरतें इस ग्रोथ का मुख्य कारण हैं। रियल एस्टेट सेक्टर में इसे एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

Bharat Baani Bureau

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