09 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) ग्लोबल बाजारों में उठापटक के बीच भारतीय निवेशकों का म्युचुअल फंड्स पर भरोसा बना हुआ है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में इक्विटी म्युचुअल फंड्स में ₹23,568 करोड़ की नेट इनफ्लो आया है। इससे पहले, मई में यह ₹18,994.56 करोड़ रुपये था। वहीं, इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडरमैनेजमेंट (AUM) बढ़कर 74.5 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में भी तगड़ा रुझान देखने को मिला है।

AUM​ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचा

एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, म्युचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम 75 लाख करोड़ रुपये की ओर से बढ़ रहा है। जून में 49,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ जो मई में 29,000 करोड़ रुपये से ज्यादा था। इस निवेश से इंडस्ट्री का एयूएम जून तक बढ़कर रिकॉर्ड 74.4 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो मई के अंत में 72.2 लाख करोड़ रुपये था।

5 महीने की गिरावट के बाद बढ़ा इनफ्लो

AMFI का कहना है कि लगातार 52वें महीने म्युचुअल फंड स्कीम्स में नेट इनफ्लो पॉजिटिव बना रहा है, जो निवेशकों के निरंतर विश्वास को दर्शाता है। आंकड़ों के मुताबिक, इक्विटी म्युचुअल फंड में जून में 23,587 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो मई में हुए 19,013 करोड़ रुपये के निवेश से ज्यादा है। पांच महीनों की गिरावट के बाद नेट इक्विटी फंड इनफ्लो में यह पहली बढ़ोतरी दर्ज की गई।

नेट इनफ्लो दिसंबर में घटकर 41,156 करोड़ रुपये, जनवरी में 39,688 करोड़ रुपये, फरवरी में 29,303 करोड़ रुपये, मार्च में 25,082 करोड़ रुपये और अप्रैल में घटकर 24,269 करोड़ रुपये रह गया था। इस गिरावट के रुझान से पहले नवंबर में 35,943 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। जून में डेट फंड से समीक्षाधीन महीने में 1,711 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो रहा। मई में यह 15,908 करोड़ रुपये था। इससे पहले, अप्रैल में फंड ने 2.2 लाख करोड़ रुपये का चौंका देने वाला निवेश दर्ज किया गया है।

गिरावट में खरीदारी के इंतजार में निवेशक: एक्सपर्ट

AMFI के डेटा पर टाटा एसेट मैनेजमेंट के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद वरदराजन का कहना है, जून महीने में के आंकड़ों में एक बड़ी खबर यह है कि इंडस्ट्री का एयूएम 75 लाख करोड़ के करीब पहुंचता नजर आ रहा है। जून में यह 74.5 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। वहीं, मई के मुकाबले जून महीने में इक्विटी म्युचुअल फंड्स में निवेश करीब 5,000 करोड़ रुपये बढ़कर बढ़ गया।

आनंद वरदराजन कहते हैं, फ्लेक्सी कैप फंड्स में सबसे ज्यादा 5,733 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया और यह 4.8 लाख करोड़ रुपये के एयूएम के साथ तेजी से सबसे बड़ी इक्विटी कैटेगरी बन रही है। मिड और स्मॉल कैटेगरी की तुलना में इस कैटेगरी को लेकर निवेशकों का रुझान साफ दिखाई दिखता है। आर्बिट्राज कैटेगरी भी इस साल मजबूत इनफ्लो वाली कैटेगरी रही है। पूरे पिछले वित्त वर्ष में इसमें करीब 50,000 करोड़ रुपये का निवेश आया था, जबकि चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में ही यह आंकड़ा 43,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। सिर्फ मार्च में इसमें 15,500 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो हुआ। इससे साफ संकेत हैं कि निवेशक शायद गिरावट में खरीदारी का इंतजार कर रहे हैं।

वरदराजन का कहना है, गोल्ड ईटीएफ में लगभग ₹2,000 करोड़ का इनफ्लो दर्ज किया गया, जो यह दिखाता है कि निवेशक सोने की परफॉर्मेंस से प्रॉफिट कमाने और पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाने की सोच रखते हैं। इसके अलावा, फिक्स्ड इनकम निवेशक अब शॉर्ट से मीडियम ड्यूरेशन वाले विकल्पों में अधिक रुचि दिखा रहे हैं, ताकि उन्हें यील्ड भी मिले और सुरक्षा भी बनी रहे।

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जक्यूटिव डायरेक्टर एंव चीफ बिजनेस ऑफिस अ​खिल चतुर्वेदी का कहना है, नेट इक्विटी फ्लो में करीब 5,000 करोड़ रुपये (MoM) की मजबूत बढ़त देखी गई है। SIP रजिस्ट्रेशन की संख्या और निवेश दोनों ने अब तक का आल टाइम हाई लेवल छू लिया है, जो बढ़कर 27,300 करोड़ रुपये पहुंच गया है। यह करीब 600 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी है। रिटेल निवेशकों के बीच भरोसा दिखाई दे रहा है, जो इनफ्लो में बढ़ोतरी के रूप में साफ नजर आता है। यह ट्रेंड इंडस्ट्री और भारतीय शेयर बाजार दोनों के लिए बेहद सकारात्मक और हेल्दी संकेत है।

ELSS से आउटफ्लो, Gold ETF चमका

एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, ज्यादातर इक्विटी सेगमेंट में जून में जहां अच्छा निवेश हुआ। वहीं इक्विटी से जुड़ी सेविंग्स स्कीम्स (ELSS) एकमात्र ऐसी कैटेगरी रही जिसमें 556 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो दर्ज किया गया। इक्विटी कैटेगरी में फ्लेक्सी कैप फंड में जून में सबसे अधिक 5,733 करोड़ रुपये का निवेश आया। इसके अलावा, स्मॉल कैप फंड में 4,024 करोड़ रुपये और मिड कैप फंड में 3,754 करोड़ रुपये और लार्ज कैप फंड में 1,694 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया।

आंकड़ों के मुताबिक, सोने की बढ़ती कीमतों के चलते गोल्ड ईटीएफ की ओर से निवेशकों का रुझान बढ़ा है। जून में गोल्ड ईटीएफ में 2081 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो देखने को मिला। जबकि मई में करीब 292 करोड़ रुपये का निवेश इस कैटेगरी में आया था।

सारांश:
भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) ₹75 लाख करोड़ के करीब पहुंच गया है, जो निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। जून 2025 में अकेले इक्विटी फंड्स में ₹23,568 करोड़ का शुद्ध निवेश हुआ, जबकि गोल्ड ETF में भी जबरदस्त रुझान देखने को मिला। निवेशकों ने मार्केट की तेजी और गोल्ड में संभावनाओं को देखते हुए बड़ी मात्रा में पूंजी लगाई।

Bharat Baani Bureau

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