06 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : यूरिक एसिड का बढ़ना एक गंभीर समस्या है, जिसमें इसके क्रिस्टल हड्डियों के जोड़ों में जमा हो जाते हैं, जिससे गाउट (Gout) नामक दर्दनाक स्थिति पैदा होती है। यह दर्द उठने-बैठने और चलने-फिरने में भी दिक्कत पैदा कर सकता है। इस समस्या से बचने के लिए शरीर में जमा अतिरिक्त प्यूरिन (Purine) को बाहर निकालना ज़रूरी है, और इसमें मकई आपकी मदद कर सकती है।
यूरिक एसिड बढ़ने पर मकई खाने के फायदे:
- प्यूरिन पचाने में मददगार: मकई में मौजूद रफेज (Roughage) और फाइबर प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म को तेज़ करते हैं, जिससे प्यूरिन को पचाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, मकई शरीर में एक तरह का जेल बनाती है जो प्यूरिन के मॉलिक्यूल्स से चिपक कर उसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
- खास एंटीऑक्सीडेंट्स: मकई में कुछ खास एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर में यूरिक एसिड को जमा होने से रोकते हैं। ये यूरिक एसिड को सही तरीके से प्रोसेस करने में सहायक होते हैं, जिससे गाउट और यूरिक एसिड से जुड़ी समस्याओं से बचाव होता है।
यूरिक एसिड में मकई का सेवन कैसे करें?
यूरिक एसिड की समस्या में मकई का सेवन करने का सही तरीका जानना बहुत ज़रूरी है। आपको मकई को उबालकर या भूनकर खाना चाहिए ताकि उसका फाइबर और रफेज कंटेंट बना रहे। ध्यान दें कि मकई को ज़्यादा प्रोसेस्ड करके खाने से बचें। यदि इसका सुक्रोज (चीनी) कंटेंट ज्यादा हो जाता है, तो यह प्रोटीन मेटाबॉलिज्म को खराब करके यूरिक एसिड की समस्या को और बढ़ा सकता है। सही तरीके से सेवन करने पर, मकई आपके शरीर से अतिरिक्त प्यूरिन को बाहर निकालने और यूरिक एसिड की समस्या को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती है।
सारांश:
बरसात के मौसम में मिलने वाली कुछ खास फसलें यूरिक एसिड कम करने में बेहद फायदेमंद होती हैं। इनका सही तरीके से सेवन करने पर शरीर में जमा प्यूरिन की पथरियां भी घुलकर निकल सकती हैं। ये फसलें प्राकृतिक रूप से शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती हैं और गठिया जैसी समस्याओं से राहत दिला सकती हैं।