15 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) नेपाल में रविवार को इतिहास रचा गया, जब राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने वरिष्ठ अधिवक्ता सबिता भंडारी को नया अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया. सबिता भंडारी इस संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली महिला बनीं. राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, यह नियुक्ति प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सिफारिश पर हुई है. इससे पहले रविवार को ही राष्ट्रपति भवन ने पूर्व अटॉर्नी जनरल रमेश बादल का इस्तीफा मंज़ूर किए जाने की सूचना सार्वजनिक की थी.
नेपाली समाचार वेबसाइट काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, सबिता भंडारी सूचना आयोग में आयुक्त रह चुकी हैं और प्रख्यात विधि विद्वान कृष्ण प्रसाद भंडारी की पुत्री हैं. प्रधानमंत्री कार्की ने रविवार सुबह ही उनके नाम का प्रस्ताव दिया था, जिसके स्वीकार होने के बाद प्रक्रिया पूरी हुई.
पटरी पर धीरे-धीरे लौट रहा नेपाल
इधर, हाल ही में Gen-Z आंदोलन के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ भड़की हिंसक प्रदर्शनों में राख में तब्दील हो चुकी नेपाल की अहम संस्थाओं ने रविवार से सेवाएं फिर शुरू कर दीं. अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त होने के दो दिन बाद सुशीला कार्की ने सिंह दरबार स्थित दफ्तर से औपचारिक रूप से कामकाज संभाला. इस मौके पर उन्होंने आंदोलन में मारे गए युवाओं के परिवारों को 10-10 लाख नेपाली रुपये देने और उन्हें शहीद घोषित करने का ऐलान किया.
प्रदर्शनों के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय और कई मंत्रालयों में आग लगा दी गई थी. कार्की ने सिंह दरबार परिसर में बचे हुए एक भवन से कामकाज शुरू किया. उन्होंने कहा कि यह आगजनी और तोड़फोड़ साज़िश के तहत की गई हो सकती है और हर पहलू की जांच होगी. उन्होंने साफ कहा, ‘किसी को नहीं बख्शा जाएगा, सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.’
मुख्य सचिव एकनारायण अर्याल के अनुसार, आगजनी और हिंसा से हुए नुकसान का आकलन जल्द शुरू होगा और पुनर्निर्माण की योजना बनाई जाएगी. ‘काफी बड़ी संख्या में ढांचे नष्ट हो गए हैं, पूरी तस्वीर सामने आने में वक्त लगेगा,’ उन्होंने कहा.
तंबू लगाकर सुप्रीम कोर्ट शुरू
इस बीच आगजनी में पूरी तरह जल चुके सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल टेंट लगाकर कामकाज शुरू कर दिया है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं को सुनवाई स्थगन के नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, हालांकि सुनवाई दोबारा शुरू होने में अभी कुछ दिन और लग सकते हैं.
वहीं वित्त मंत्रालय, जिसे गंभीर नुकसान नहीं हुआ था, ने कोषागार से भुगतान और राजस्व संग्रह का काम फिर शुरू कर दिया है. प्रवक्ता टंका प्रसाद पांडे ने बताया कि रविवार से ही राजस्व वसूली भी शुरू हो गई है.
जो मंत्रालय गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें वैकल्पिक स्थान तलाशने पड़े हैं. शिक्षा मंत्रालय फिर से केशर महल से काम शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान परिषद से अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना बना रहा है. मंत्रालय के एक अधिकारी डॉ. नवराज जोशी ने कहा, ‘आग में सब कुछ जल गया है, अब नए ठिकाने की तलाश है.’
नुकसान का आकलन जारी
गौरतलब है कि 8 सितंबर को शुरू हुए जेन-ज़ी विरोध प्रदर्शनों ने तब हिंसक रूप ले लिया था जब पुलिस की गोलीबारी में 20 युवाओं की मौत हो गई. इसके बाद भीड़ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित कई नेताओं के घरों में आग लगा दी और संसद भवन से लेकर न्यायपालिका और कार्यपालिका के प्रमुख कार्यालयों को निशाना बनाया. 9 सितंबर को सिंहदरबार परिसर में प्रधानमंत्री कार्यालय और शिक्षा तथा स्वास्थ्य मंत्रालय सहित कई इमारतें राख हो गईं.
प्रदर्शनकारियों ने दर्जनों वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया. इसके अलावा कई थानों, नागरिक उड्डयन प्राधिकरण, सड़क विभाग, सिटिजन इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के कार्यालय और बैंकों व शॉपिंग मॉल्स तक को नहीं छोड़ा गया. अभी भी नुकसान का आकलन जारी है, लेकिन सुशीला कार्की ने साफ संकेत दिया है कि उनका ध्यान अब पुनर्निर्माण और प्रशासन को पटरी पर लाने पर है, ताकि देश आगे बढ़ सके.
सारांश:
सुशीला कार्की पीएम बनते ही ऐतिहासिक कदम उठा रही हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को एक नाम भेजा, जिससे नेपाल की राजनीति में नया इतिहास रचा गया।