16 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) बिहार के महागठबंधन में सीट बंटवारे में फंसे पेंच के बीच तेजस्वी यादव के 243 सीट पर खुद के नाम पर वोट मांगने वाले बयान ने हड़कंप मचा दिया है.कांग्रेस ने हाल ही में सीट बंटवारे पर जिताऊ सीटें मांगने का ऐलान किया था जिसके बाद तेजस्वी का ये तल्ख बयान सामने आया है. तो क्या खुद को सीएम चेहरा घोषित करने में हो रही देरी से नाराज तेजस्वी ने ये बयान जानबूझकर दिया है? क्या तेजस्वी ,अब राहुल गांधी पर उनको मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने का सीधा दबाव बना रहे है? ये सवाल अहम हो गया है..
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर घमासान मचा है. इस बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नए बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है. तेजस्वी ने कहा है कि वे 243 सीटों पर खुद के नाम पर वोट मांगेंगे. इससे यह साफ संदेश गया कि तेजस्वी खुद को ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानकर चल रहे हैं.
कांग्रेस की डिमांड से चिढ़ गए तेजस्वी?
तेजस्वीर का यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस ने हाल ही में सीट बंटवारे में ‘जिताऊ सीटें’ मांगने की घोषणा की थी. इसके बाद से अटकलें लग रही हैं कि क्या तेजस्वी नाराज हैं और अब राहुल गांधी पर उन्हें महागठबंधन का सीएम चेहरा घोषित करने के लिए सीधा दबाव बना रहे हैं.
दरअसल, आरजेडी और तेजस्वी यादव की कोशिश रही है कि चुनाव से पहले ही महागठबंधन में उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाए. नीतीश कुमार के सामने एक स्पष्ट चेहरा रखने के लिए आरजेडी ने यह रणनीति बनाई थी. वोटर अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी ने राहुल गांधी को पीएम बनाने की बात भी कही थी, ताकि बदले में कांग्रेस उन्हें बिहार की कमान सौंपने का ऐलान करे. लेकिन राहुल गांधी ने न मंच से और न ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर कोई संकेत दिया.
सीट बंटवारे का क्यों फंसा पेच?
तेजस्वी यादव का बयान ऐसे समय आया है जब महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर पेच फंसा हुआ है. VIP पार्टी, पशुपति पारस और हेमंत सोरेन जैसे सहयोगी दलों के लिए जगह निकालने के लिए कांग्रेस और आरजेडी दोनों को अपनी सीटें छोड़नी होंगी. ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान आरजेडी को होने का अंदेशा है, क्योंकि पिछली बार उसने सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था.
कांग्रेस ने भी इस बार ‘लालू यादव की जिताऊ सीटें अपने पास रखने’ की आरजेडी की रणनीति का विरोध किया है और सार्वजनिक रूप से इसका ऐलान कर दिया है. यही वजह है कि तेजस्वी ने 243 सीटों पर खुद के नाम पर वोट मांगने का बयान देकर कांग्रेस पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की है.
तेजस्वी की नाराजगी पर क्या कह रही कांग्रेस?
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने हालांकि इस बयान को ज्यादा तवज्जो नहीं दी. उन्होंने कहा, ‘क्या आपसे उन्होंने कहा? आपको क्या लगता है हमारा आपस में ऐसा रिश्ता है कि वो कहेंगे पीएम बनाएंगे और हम कहेंगे कि सीएम बनाएंगे? न वो और न हम किसी बात का बुरा मानते हैं.’
बिहार में महागठबंधन की सीटों पर खींचतान और कांग्रेस की सख्त मांगों ने आरजेडी और तेजस्वी को दबाव में डाल दिया है. तेजस्वी का यह बयान इस दबाव को संतुलित करने और सियासी सौदेबाजी में अपने पत्ते मजबूत करने की रणनीति माना जा रहा है.
सारांश:
बिहार चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच खींचतान बढ़ गई है। कांग्रेस की मांग से तेजस्वी यादव नाराज़ बताए जा रहे हैं, वहीं इसे राहुल गांधी पर दबाव बनाने की रणनीति भी माना जा रहा है। पूरा विवाद 243 विधानसभा सीटों के समीकरण से जुड़ा है।