18 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से ऐसी खबर आई है, जो पाकिस्तान के दोहरे चेहरे को उजागर करती है. अपने देश में ओसामा बिन लादेन जैसे कुख्यात आतंकी को पनाह दे चुका पाकिस्तान खुद को आतंकवाद से पीड़ित दिखा रहा है. पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के सामने एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया है. इस प्रस्ताव में बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसकी आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की गई है.

पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने सुरक्षा परिषद की अफगानिस्तान पर बैठक में कहा – ‘BLA और मजीद ब्रिगेड समेत कई आतंकी संगठन अफगान पनाहगाहों से संचालित हो रहे हैं. वहां 60 से अधिक आतंकी कैंप हैं, जहां से सीमा पार हमलों की साजिश रची जाती है.’ पाकिस्तान इस कवायद में अपने साथ चीन को शामिल कर रहा है क्योंकि इस इलाके से चीन के व्यापारिक हित जुड़े हुए हैं.

पाकिस्तान और चीन ने दिया संयुक्त प्रस्ताव

पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का 2025-26 कार्यकाल में अस्थायी सदस्य है, जबकि चीन इस शक्तिशाली निकाय का स्थायी सदस्य और वीटो पावर वाला देश है. पाकिस्तान इस समय UNSC की 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति का चेयरमैन और काउंटर-टेररिज़्म कमेटी का वाइस-चेयर भी है. अहमद ने अफगान तालिबान पर ज़ोर देते हुए कहा कि उन्हें अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्व पूरे करने होंगे, क्योंकि अफगानिस्तान से फैला आतंकवाद, पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है.

BLA और मजीद ब्रिगेड क्या और क्यों चर्चा में?
BLA बलोचिस्तान का प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन है. मजीद ब्रिगेड इसी संगठन की आत्मघाती इकाई है, जिसकी स्थापना 2011 में हुई थी. यह इकाई मुख्य रूप से पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और चीन से जुड़े हितों को निशाना बनाती है. पिछले साल अमेरिका ने भी BLA और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था. साल 2019 में अमेरिका ने BLA को स्पेशली डिज़िग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट संगठन के तौर पर लिस्ट किया था. इसके बाद से यह संगठन कई बड़े हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है.

चीन को इससे होगा क्या फायदा?

बलोच लिबरेशन आर्मी की ओर से पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स के पास आत्मघाती हमले किए गए. वहीं मार्च 2025 में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण किया, जिसमें 31 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए और 300 से अधिक यात्री बंधक बनाए गए. BLA का कहना है कि पाकिस्तानी सेना बलोच लोगों को जुल्म ढाती रही है और उन्हें अपनी जमीन पर अत्याचार झेलना पड़ता है. यही वजह है कि वे पाकिस्तान से अलग होना चाहते हैं. चूंकि बलोचिस्तान वही इलाका है, जहां चीन के कई व्यापारिक प्रोजेक्ट जुड़े हैं. ऐसे में अगर BLA को आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया, तो पाकिस्तान को विद्रोहियों को मारने का लाइसेंस मिल जाएगा, वहीं चीन को खनिज और व्यापार के लिहाज से महत्वपूर्ण इलाका इस्तेमाल करने के लिए मिल जाएगा.

Bharat Baani Bureau

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