22 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हमास को खत्म करने की कसम का चुके हैं. इसके लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं लेकिन उनकी राह इतनी भी आसान नहीं है. अमेरिका भले ही इजरायल की पीठ थपथपा ले, यूरोप के देशों को गाजा की स्थिति पच नहीं रही है. यही वजह है कि अब कई देश फिलिस्तीन को मान्यता दे रहे हैं. हाल में जब ब्रिटेन ने भी ये किया तो नेतन्याहू ने उसे जमकर सुनाया.
नेतन्याहू ने सीधे-सीधे कहा कि इजरायल हमास को खत्म करने के लिए दृढ़ है, लेकिन दुनिया के कुछ देश चाहते हैं कि हमास बचा रहे और इजरायल गाजा से हट जाए. नेतन्याहू ने कहा -‘यह अंतर सिर्फ अच्छे शब्दों से खत्म नहीं किया जा सकता.’ उन्होंने ये बयान ब्रिटेन के फिलिस्तीन को मान्यता देने के बाद दिया. उन्होंने इसे आतंकवाद का अजीबोगरीब अवॉर्ड करार दिया है.
ब्रिटेन ने भी दी फिलिस्तीन को मान्यता
ब्रिटेन के फिलिस्तीन को मान्यता देने का फैसला डोनाल्ड ट्रंप के ब्रिटेन दौरे के तुरंत बाद आया है. फैसले पर इजरायल के अति दक्षिणपंथी नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी. खुद नेतन्याहू इसे ‘आतंकवाद और हमास को दिया गया इनाम’ कहा है. वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गवीर ने कहा कि इसका जवाब वेस्ट बैंक के पूर्ण विलय से दिया जाना चाहिए. स्मोट्रिच ने X पर लिखा- ‘वो दिन गए जब ब्रिटेन और अन्य देश हमारा भविष्य तय करते थे. इसका एकमात्र जवाब है- यहूदी लोगों की ऐतिहासिक भूमि यहूदा और सामरिया पर संप्रभुता लागू करना और फिलिस्तीनी राज्य की अवधारणा को हमेशा के लिए खत्म करना.’
विपक्ष ने बताई नेतन्याहू की असफलता
गाजा संघर्ष में अब भी 48 इज़राइली बंधक हमास की कैद में हैं. इन बंधकों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों ने भी ब्रिटेन और अन्य देशों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि बंधकों की रिहाई की अनदेखी कर फिलिस्तीन को बिना शर्त मान्यता देना पीड़ित परिवारों के साथ अन्याय है. वहीं इजरायल की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता याइर गोलान ने इसे नेतन्याहू और उनके सहयोगियों की गंभीर राजनीतिक असफलता बताया. गोलान ने कहा- ‘यह नेतन्याहू की लापरवाह नीतियों का नतीजा है -युद्ध खत्म करने से इनकार और विलय की खतरनाक राह चुनना.’ उनके मुताबिक एक निशस्त्र फिलिस्तीनी राज्य क्षेत्रीय व्यवस्था का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह व्यवस्था इजरायल की सुरक्षा गारंटी के साथ होनी चाहिए.
किस-किसने दी फिलिस्तीन को मान्यता?
हाल के दिनों में ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी फिलिस्तीन की मान्यता की घोषणा की. इसके अलावा पुर्तगाल ने भी हाल ही में आधिकारिक रूप से फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी. सितंबर 2025 तक, फिलिस्तीन राज्य को संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 151 देशों ने संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता दी है. इन देशों में भारत भी शामिल है, जिसने 1988 में ही फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता दे दी थी.