23 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : अमेरिका के कई दोस्त देश इस समय फिलिस्तीन को मान्यता दे रहे हैं. कनाडा,ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बाद सोमवार को फ्रांस, लग्जमबर्ग, माल्टा और बेल्जियम ने भी फिलिस्तीन को मान्यता दी. इस बीच अब अमेरिकी राष्ट्रपति बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं. गाजा युद्ध खत्म करने और शांति बहाल करने के लिए मंगलवार को वह मुस्लिम देशों के नेताओं से मीटिंग करेंगे. इसमें वह एक ठोस प्रस्ताव पेश करेंगे. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक अब तक का सबसे साफ रोडमैप यह है, इसमें युद्ध के बाद गाजा की व्यवस्था और शासन पर चर्चा होगी.

ट्रंप का क्या है शांति प्लान?

इस बैठक में सऊदी अरब, यूएई, कतर, मिस्र, जॉर्डन, तुर्की, इंडोनेशिया और पाकिस्तान के शीर्ष नेता और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका चाहता है कि युद्ध खत्म होने के बाद इजरायल गाजा से सेना हटाए और वहां नई प्रशासनिक व्यवस्था बने, जिसमें हमास की कोई भूमिका न हो. इसके लिए अरब और मुस्लिम देशों से आग्रह किया जाएगा कि वे गाजा में शांति सेना भेजें, वित्तीय मदद दें और पुनर्निर्माण में योगदान करें. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने सोमवार को कहा कि उनका देश गाजा में शांति सेना भेजने को तैयार है. हालांकि जब वह यह बात कह रहे थे, तभी उनका माइक बंद हो गया. इसे एक साजिश के तौर पर देखा गया है.

शांति पर नहीं बन पा रही बात

फिलहाल, युद्ध खत्म करने और बंधकों को रिहा करने पर बातचीत अटकी हुई है. इसी बीच, इजरायल ने तीन आर्मर्ड और इन्फैंट्री डिवीजनों को गाजा सिटी में आगे बढ़ाया है. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर दो-राष्ट्र समाधान पर हुई एक कॉन्फ्रेंस में फ्रांस और कई यूरोपीय देशों ने फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता दी. गाजा के हमास-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर से अब तक 65,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक हैं.

अमेरिकी और अरब देशों का रुख

एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘बैठक बेहद अहम हो सकती है. हमारे पास युद्ध खत्म करने का स्पष्ट खाका है और हमें क्षेत्रीय देशों का समर्थन चाहिए.’ एक अरब अधिकारी ने कहा, ‘हमारी समझ यह है कि ट्रंप इस योजना के लिए हमारी प्रतिक्रिया और समर्थन चाहते हैं ताकि इसे आगे बढ़ाया जा सके.’ अधिकारियों ने साफ किया कि यह प्रस्ताव सिर्फ इजरायल का नहीं, बल्कि अमेरिका का प्लान होगा.

इजरायल को मिलेगी कड़वी दवा!

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस योजना की रूपरेखा जानते हैं. हालांकि, एक इजरायली अधिकारी ने माना कि इसमें कुछ ऐसे हिस्से होंगे जो उनकी सरकार को पसंद नहीं आएंगे, खासकर गाजा में फिलिस्तीनी प्राधिकरण की भूमिका को लेकर. उन्होंने कहा, ‘कुछ कड़वी गोलियां हमें निगलनी पड़ेंगी.’ ट्रंप की यह बैठक उनके संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भाषण के कुछ घंटे बाद होगी. यह स्पष्ट नहीं है कि वे गाजा प्रस्ताव का जिक्र अपने भाषण में करेंगे या नहीं. अगले सोमवार, नेतन्याहू चौथी बार ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे, जहां गाजा मुद्दा प्रमुख एजेंडा रहेगा.

सारांश:
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 8 मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं। इस मीटिंग में इजरायल और पाकिस्तान से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

Bharat Baani Bureau

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