23 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) अमेरिका-भारत के व्यापारिक तनाव के बीच एक बड़ी खबर आई है. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे. 80वें सत्र के मौके पर भारत और अमेरिका के बीच अहम मुलाकात हुई. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से द्विपक्षीय बातचीत की. यह मुलाकात कई कारणों से खास मानी जा रही है, क्योंकि दोनों नेताओं ने व्यापार, कूटनीति, क्वाड और अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. अमेरिका ने मीटिंग के बाद एक बयान में कहा कि भारत-अमेरिका स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक के लिए काम कर रहे हैं. अमेरिका ने जोर देकर कहा कि इसमें क्वाड भी शामिल है. यानी यह हर उस संभावना को खारिज कर रहा है कि क्वाड ट्रंप के आने के बाद खत्म हो गया है.

इसके अलावा डॉ. जयशंकर ने भारत में अमेरिका के नामित राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की. अमेरिकी विदेश विभाग के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने कहा, ‘दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के विशेष दूत और भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की.’

उसने कहा, ‘वे (जयशंकर और गोर) अमेरिका-भारत संबंधों की सफलता को और बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं.’ रुबियो से मुलाकात के बाद डॉ. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘आज सुबह न्यूयॉर्क में सेक्रेटरी रूबियो से मुलाकात कर खुशी हुई. हमारी बातचीत में कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. प्राथमिक क्षेत्रों में प्रगति के लिए लगातार संवाद बनाए रखने पर सहमति बनी. हम संपर्क में रहेंगे.’

अभी भी एक्टिव है क्वाड

वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री ने दोहराया कि भारत, अमेरिका के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साझेदार है. उन्होंने भारत सरकार का धन्यवाद किया कि वह लगातार कई अहम मुद्दों पर अमेरिका से जुड़ी रहती है- जैसे व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, दवाइयां, महत्वपूर्ण खनिज और दोनों देशों के आपसी रिश्तों से जुड़े अन्य विषय. अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने बयान में आगे कहा, ‘रुबियो और विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत क्वाड के माध्यम से एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.’

बयान में आगे कहा गया, ‘विदेश मंत्री रुबियो और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सहमति जताई कि अमेरिका और भारत मिलकर काम करते रहेंगे ताकि इंडो-पैसिफिक (हिंद-प्रशांत) क्षेत्र स्वतंत्र और खुला बना रहे. इसमें क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का समूह) के जरिए सहयोग भी शामिल होगा.’

माना जा रहा है कि इस मुलाकात में टैरिफ समेत H-1B वीजा पर भी बातचीत हुई. डॉ. जयशंकर की इस मुलाकात का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि कुछ ही दिन पहले ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा आवेदन शुल्क 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) सालाना करने का ऐलान किया है. इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ेगा क्योंकि H-1B वीजा धारकों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है.

टैरिफ विवाद के बाद पहली मुलाकात

मुलाकात से पहले दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और तस्वीरों के लिए पोज दिया. यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब अमेरिका ने हाल ही में भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया है. यह शुल्क रूस से तेल खरीदने पर लगाया गया, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया. यह पहली बार था जब इस फैसले के बाद जयशंकर और रूबियो आमने-सामने मिले. इससे पहले दोनों नेता इस साल जनवरी और जुलाई में QUAD की बैठकों में मिल चुके हैं.

व्यापार समझौते पर बातचीत

भारत और अमेरिका के बीच इस समय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर बातचीत जारी है. वॉशिंगटन में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. अब तक पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, जबकि छठा दौर अमेरिकी टैरिफ फैसले के बाद टल गया था. भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि 16 सितंबर को हुई बैठकें सकारात्मक रहीं. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका के बीच समझौते में कोई कठिनाई नहीं होगी.

क्या है डॉ. जयशंकर का प्लान

डॉ. जयशंकर रविवार को न्यूयॉर्क पहुंचे. यहां उन्होंने अपनी बैठकों की शुरुआत फिलीपींस की विदेश मंत्री थेरेसा पी. लाजारो से मुलाकात से की. वह 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के जनरल डिबेट में भारत का राष्ट्रीय बयान देंगे. इस बार महासभा की बैठक कई खास आयोजनों के साथ हो रही है, जिसमें यूएन की 80वीं वर्षगांठ, क्लाइमेट एम्बिशन समिट और बीजिंग डिक्लेरेशन की 30वीं वर्षगांठ शामिल हैं.

सारांश:
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात के बाद अमेरिका ने भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में माना। इस बैठक ने भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय और रणनीतिक संबंधों को मजबूती देने का संदेश दिया।

Bharat Baani Bureau

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