24 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) अमेरिका द्वारा हाल ही मेंH-1B वीजा पर सालाना 1 लाख डॉलर की भारी-भरकम फीस लगाने के फैसले पर जर्मनी ने अप्रत्यक्ष तौर पर चुटकी ली है. भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने भारतीय कुशल पेशेवरों से जर्मनी में अवसर तलाशने की अपील की है. राजदूत ने कहा कि जर्मनी में भारतीयों के लिए काम के बेहतरीन अवसर हैं और यहां की नीतियां स्थिर और भरोसेमंद हैं.
उनका ये तंज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर था, जो भारतीयों के लिए अमेरिका में काम करने के रास्ते मुश्किल करते जा रहे हैं. अमेरिका फर्स्ट की पॉलिसी लेकर चल रहे डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही वहां काम करने वाले भारतीय लोगों के लिए वीजा पॉलिसी और सख्त करते हुए H-1B वीजा का शुल्क बढ़ाकर 100,000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) कर दिया, जिसके कंपनियों में अफरा-तफरी मच गई.
हम भरोसेमंद हैं, यहां आइए …
जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने अमेरिका की पॉलिसी पर जुटकी लेते हुए कहा – ‘जर्मनी की प्रवासन नीति जर्मन कार की तरह है – भरोसेमंद, आधुनिक और अनुमानित. हम अमेरिका की तरह रातों-रात नियम नहीं बदलते.’ उन्होंने कहा कि आईटी, मैनेजमेंट, विज्ञान और तकनीक जैसे क्षेत्रों में जर्मनी भारतीयों का स्वागत करता है और यहां उन्हें स्थिर माहौल मिलता है.
जर्मनी में भारतीयों का स्वागत
एकरमैन ने बताया कि जर्मनी में भारतीय प्रोफेशनल्स न केवल बड़ी संख्या में काम कर रहे हैं, बल्कि उनकी औसत आय जर्मन नागरिकों से भी ज्यादा है. साल 2024 के अंत तक जर्मनी में करीब 2.5 से 3 लाख भारतीय मूल के लोग रह रहे हैं, जिनमें से लगभग 2.5 लाख का प्रवासी पृष्ठभूमि है और बड़ी संख्या में भारतीय पासपोर्ट धारक भी शामिल हैं.
H-1B वीजा की फीस बढ़ी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते H-1B वीजा पर सालाना 1 लाख डॉलर की अतिरिक्त फीस लगाने का फैसला किया. इसने अमेरिकी टेक इंडस्ट्री को हिला दिया है क्योंकि यह क्षेत्र बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी प्रोफेशनल्स पर निर्भर है. करीब 70 प्रतिशत H-1B वीजा भारतीयों के पास हैं, यानि अमेरिका की नई नीति से सीधे तौर पर 2 लाख से ज्यादा भारतीय प्रभावित हो सकते हैं. इसके अलावा भारतीय आईटी कंपनियां, जो अमेरिकी प्रोजेक्ट्स के लिए H-1B वर्कर्स पर निर्भर हैं, उन्हें गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
सारांश:
अमेरिका से निकाले गए भारतीयों के लिए एक देश ने अपनी सीमाएं खोल दी हैं। इस दौरान उस देश ने ट्रंप पर भी चुटकी ली और कहा, “भरोसा करिए, हम बदलते नहीं।”