दुबई 26 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : 1984 में एशिया कप का पहला सीजन खेला गया, तब से लेकर अब तक भारत-पाकिस्तान के बीच कभी एशिया कप का फाइनल नहीं हुआ. 41 साल के इतिहास में ये पहला मौका है, जब दोनों चिर प्रतिद्वंद्वि टीम फाइनल में टकराने वाली है. मौजूदा फॉर्म और खेल को देखते हुए आप कहते सकते हैं कि भारत फाइनल का फेवरेट है, लेकिन पाकिस्तान को हल्के में नहीं लिया जा सकता.

पाकिस्तान से डरने की जरूरत क्यों?
दरअसल, पूरे टूर्नामेंट या सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम जब फाइनल में पाकिस्तान से भिड़ती है तो सारा मामला गड़बड़ हो जाता है. कम से कम रिकॉर्ड्स तो यही कह रहे हैं. ये 13वां मौका होगा, जब किसी टूर्नामेंट या त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में भारत-पाकिस्तान की टक्कर होने वाली है.

क्यों डरा रहा है पुराना रिकॉर्ड?
क्रिकेट का इतिहास गवाह रहा है कि फाइनल में पाकिस्तान हमेशा से भारत पर भारी पड़ता आया है. दोनों टीम के बीच अबतक हुए 12 फाइनल में पाकिस्तान ने आठ तो भारत ने सिर्फ चार बार ही बाजी मारी है. 2007 के ओपनिंग टी-20 एडिशन आखिरी मौका था, जब भारत ने किसी टूर्नामेंट के फाइनल में भारत को हराया था. दोनों टीम की आखिरी भिड़ंत 2017 के ICC चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में हुई थी, उस मैच को भी पाकिस्तान ने जीता था.

पिछले 13 फाइनल का लेखा-जोखा
भारत-पाकिस्तान के बीच पहली बार किसी टूर्नामेंट का फाइनल 1985 में खेला गया था. तब भारत ने वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट के फाइनल में आठ विकेट से मैदान मारा था. इसके बाद लगातार दो ऑस्ट्रल एशिया कप और विल्स ट्रॉफी का फाइनल भी पाकिस्तान जीतता है. 1999 में पेप्सी कप, कोका-कोला कप भी पाकिस्तान के ही नाम रहा. भारत ने 2007 की टी-20 ट्रॉफी जीती फिर 2008 में किटप्लाई और 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम करते हुए पाकिस्तान ने दबदबा बरकरार रखा.

Bharat Baani Bureau

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