नई दिल्ली 26 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ). एशिया कप में भारत-पाकिस्तान का बहुप्रतीक्षित फ़ाइनल मैच प्रशंसकों की भारी दिलचस्पी के साथ, रविवार को दुबई अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में खचाखच भरे दर्शकों की भीड़ उमड़ेगी पर सवाल बड़ा ये है कि क्या मैच फाइनल जैसा हो पाेगा. क्या पाकिस्तान भारत को कड़ी टक्कर दे पाएगा या यह एक और एकतरफ़ा मुक़ाबला होगा ये अपने आप में बड़ा सवाल है.
उच्च प्रदर्शन वाला यह खेल 95 प्रतिशत तक दिमाग़ में खेला जाता है क्या पाकिस्तान मानसिक रूप से फाइनल के लिए तैयार होगा क्या उनमें एक मज़बूत भारतीय टीम का सामना करने की क्षमता है सवाल बड़ा है चलिए उदाहरण के लिए, बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पाकिस्तान का प्रदर्शन औसत रहा एक अच्छी टीम 135 रनों का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेती, लेकिन बांग्लादेश ही धराशायी हो गया. भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान को दूसरा मौका कभी नहीं मिलेगा भारतीय बल्लेबाज़ी इकाई इसे पूरी तरह से भुनाने की कोशिश करेगी और यही बात मुझे फिर से इस सवाल पर ले आती है कि क्या पाकिस्तान मानसिक रूप से इसके लिए तैयार होगा.
फाइनल फोबिया से बचके
इतिहास गवाह है कि कई टीमों को ज़रूरत से ज़्यादा उत्साहित होकर अपनी रणनीति से भटकते देखा गया है 2003 के विश्व कप में भारतीय टीम ने शानदार क्रिकेट खेला था. उन्होंने लगातार आठ मैच जीते थे, फिर भी जब फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से उनका सामना हुआ, तो वे बुरी तरह नाकाम रहे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव बनाया गया था। पहले ही ओवर में 15 रन दे दिए गए और उसके बाद वापसी नामुमकिन थी। ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआत में ही नियंत्रण बना लिया और किसी भी समय भारत को कोई मौका नहीं दिया.
पहली 36 गेंदों में होगी जीत या हार
इस भारतीय टीम के साथ भी कुछ ऐसा ही है. बल्ले से, अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल पावर प्ले में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और अनिवार्य छह ओवर पूरे होने तक, भारत अपनी लय में आ चुका होता है और यहीं आधी लड़ाई जीत ली जाती है पाकिस्तान पावर प्ले में रन फ्लो को कैसे नियंत्रित करता है? वे भारतीय सलामी बल्लेबाजों का सामना कैसे करते हैं? दरअसल, शाहीन अफरीदी गिल और अभिषेक को कैसी गेंदबाजी करते हैं, यही मैच का फैसला कर सकता है.
हार्दिक होंगे ट्रंपकॉर्ड
जब मानसिक मजबूती की बात आती है , तो मैं हार्दिक पांड्या का नाम जेहन में आता है. मुश्किल परिस्थितियों में, हार्दिक भारत के लिए सबसे अहम खिलाड़ी हैं. वह गेंदबाजी की शुरुआत करेंगे और मध्य क्रम में भी अहम भूमिका निभाएंगे. एक ऐसे टूर्नामेंट में जहाँ भारतीयों ने एक दर्जन कैच छोड़े हैं, हार्दिक ने कुछ बेहतरीन कैच पकड़े हैं. वह उन खिलाड़ियों में से एक हैं जो किसी भी अहम मैच में मैदान पर उतरकर दबाव को झेलना चाहेंगे. उन्हें बड़े मंच और रंगमंच से प्यार है और ऐसा लगता है जैसे यही उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है.
बेपरवाह रहो बुमराह
बुमराह का किरदार भी फाइनल में पंड्या जैसा होगा. सुपर फ़ोर में पाकिस्तान के खिलाफ उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था और रविवार को वे निश्चित रूप से इससे उबर जाएँगे. 2024 के टी20 विश्व कप में, बुमराह ने ही भारत को मात्र 120 रनों का बचाव करते हुए मैच में वापसी दिलाई थी. इसमें कोई सक नहीं कि भारत के पास कई मैच विनर खिलाड़ी हैं जो मानसिक रूप से पाकिस्तान को परास्त कर देंगे. और बड़े मैच में यही अंतर होता है.हार्दिक, बुमराह, गिल या अभिषेक जैसे खिलाड़ियों को इस बात की परवाह नहीं होगी कि यह फ़ाइनल है या नहीं. वे अपनी ताकत के अनुसार खेलेंगे और अक्सर, उनके कौशल दूसरों से बेहतर होते है. यहीं पाकिस्तान को प्रतिस्पर्धा करनी होगी। भारत को मानसिक रूप से हराओ, वरना यह टूर्नामेंट में उनकी लगातार तीसरी हार होगी.