03 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) फ्रांस ने भारत आ रहे एक तेल टैंकर को पकड़ लिया, जिसके बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन भड़क गए हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फ्रांस की ओर से रूस से जुड़े एक तेल टैंकर को रोकने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा- ‘यह पायरेसी यानी समुद्री डकैती है. ऐसे समुद्री डाकुओं से कैसे निपटते हैं? उन्हें खत्म कर दिया जाता है. अगर इस तरह की हरकतें जारी रहीं तो टकराव का खतरा गंभीर रूप से बढ़ जाएगा.’ इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर रूसी तेल की सप्लाई नहीं हुई तो ऑयल मार्केट में हाहाकार मच जाएगा. बिना रूसी तेल के दुनिया की अर्थव्यवस्था नहीं चल सकती. तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी. फ्रांस ने कहा है कि वह जहाज के कप्तान पर मुकदमा चलाने जा रहा है.
पुतिन ने कहा कि जहाज को न्यूट्रल पानी में पकड़ा गया और उस पर कोई सैन्य सामग्री या ड्रोन नहीं था. उन्होंने इसे फ्रांस की ‘राजनीतिक चाल’ बताते हुए कहा कि मैक्रों घरेलू समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक यह टैकर ‘पुष्पा’ या ‘बोराके’ के नाम से जाना जाता है. 20 सितंबर को रूस के प्रिमोर्स्क तेल टर्मिनल से रवाना हुआ था और भारत की ओर आ रहा था. यह जहाज पहले एस्टोनिया में भी पकड़ा जा चुका है और कई बार अपना नाम और झंडा बदल चुका है. फ्रांसीसी नौसेना ने जांच में पाया कि जहाज किसी देश का असली झंडा नहीं फहरा रहा था और दस्तावेजों में गड़बड़ी थी. इस वजह से जहाज को यूरोपीय संघ की प्रतिबंध सूची में शामिल किया गया है.
जहाज के कप्तान पर चलेगा मुकदमा
फ्रांस के अटलांटिक तट के पास पकड़े गए रूसी बेड़े से जुड़े तेल टैंकर के कैप्टन के खिलाफ फरवरी में मुकदमा चलाया जाएगा, क्योंकि चालक दल ने कथित तौर पर सहयोग करने से इनकार कर दिया है. फ्रांस के एक अभियोजक ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. बंदरगाह शहर ब्रेस्ट के अभियोजक स्टीफन केलेनबर्जर ने बताया कि मंगलवार को हिरासत में लिए गए दो चीनी चालक दल के सदस्यों, कैप्टन और ‘चीफ मेट’ को पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया है. ‘चीफ मेट’ को बिना किसी आरोप के रिहा कर दिया गया है.
जहाज किस देश का है?
केलेनबर्जर ने बताया कि अटलांटिक समुद्री प्रीफेक्ट की ओर से सोमवार को न्यायिक अधिकारियों को सूचित किए जाने के बाद चालक दल के ‘सहयोग करने से इनकार’ के बाद प्रारंभिक जांच शुरू की गई. चालक दल यह भी नहीं स्पष्ट कर पाया कि यह जहाज किस देश का है. केलेनबर्जर ने कहा कि जहाज की बताई गई राष्ट्रीयता और वास्तविक राष्ट्रीयता के बीच गड़बड़ दिखाई देने पर फ्रांसीसी नौसैनिक शनिवार को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप जहाज पर चढ़ गए थे.
रूस की शेडो फ्लीट का है जहाज?
उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी नौसेना की जांच में यह निष्कर्ष निकला कि ‘बड़ी मात्रा में तेल की खेप’ लेकर रूस से भारत जा रहे जहाज पर किसी देश का ध्वज नहीं था. उन्होंने बताया कि कैप्टन को 23 फरवरी को ब्रेस्ट में मुकदमे के लिए बुलाया गया है. केलेनबर्जर ने कहा कि कैप्टन को एक वर्ष तक की जेल की सजा सुनाई जा सकती है और 150,000 यूरो (176,000 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया जा सकता है. इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने आरोप लगाया है कि यह टैंकर रूस के तथाकथित शैडो बेड़े का हिस्सा है. इस तरह के पुराने टैंकरों का मालिकाना हक स्पष्ट नहीं है. आरोप है कि यूक्रेन में रूस के युद्ध के कारण पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बचने के लिए ऐसे टैंकर का इस्तेमाल किया जाता है.