06 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और हमास के बीच का मसला भी लगभग-लगभग सुलझा ही दिया है लेकिन रूस और यूक्रेन का युद्ध चार साल होने को आए, लेकिन ये युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. जितने प्रयास इसे रोकने के लिए जाते हैं, उतना ही ये भड़क जाता है. इसी सिलसिले में 5 अक्टूबर की रात यूक्रेन पर अब तक के सबसे बड़े हमलों में से एक किया. पूरे यूक्रेन को करीब 500 ड्रोन और 50 से ज्यादा मिसाइलों से दहली दिया गया, जिसमें कम से कम 6 लोगों की मौत और 18 घायल हो गए.

कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बताया कि यह हमला देश के 9 प्रांतों- लवीव, इवानो-फ्रांकीव्स्क, ज़ापोरिज़्ज़िया, चेर्निहिव, सूमी, खार्किव, खेरसॉन, ओडेसा और कीरोवोग्राद पर किया गया. जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा कि रूस ने किंजल बैलिस्टिक मिसाइलों समेत कई घातक हथियारों का इस्तेमाल किया. उन्होंने अमेरिका और यूरोपीय देशों से अपील की कि वे रूस पर दबाव बनाकर आसमान में संघर्षविराम लागू करवाएं.

जेलेंस्की बेचैन, बोले- ‘हमें सुरक्षा दो, देखो नहीं’

रूस के घातक हमलों से घबराए जेलेंस्की ने कहा – ‘हमें और सुरक्षा चाहिए, खासकर एयर डिफेंस सिस्टम्स की तेजी से आपूर्ति, ताकि इस हवाई आतंक को खत्म किया जा सके. अगर आसमान में एकतरफा संघर्ष विराम होता है, तो यह असली कूटनीति का रास्ता खोल सकता है.’ जेलेंस्की ने अपने संबोधन में पश्चिमी देशों से कहा कि रूस उनका मजाक उड़ा रहा है, क्योंकि यूरोपीय देश और अमेरिका इस हमले पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दे रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि रूस अभी भी पश्चिमी देशों से बने पुर्जों का इस्तेमाल अपने ड्रोन और मिसाइलों में कर रहा है. जेलेंस्की ने ये भी बताया कि इस हमले में 100,000 विदेशी पुर्जे लगे थे, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड से आए कंपोनेंट शामिल हैं. उन्होंने पश्चिम से निर्यात नियंत्रण और सख्त पाबंदियां लगाने की मांग की.

यूरोप पर बढ़ा रूसी प्रतिबंध का दबाव
हमले के बाद यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कैलास ने कहा कि रूस आतंकी हमलों के जरिए अपनी नाकामयाब सैन्य मुहिम को छिपाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि ब्रसेल्स अब नए प्रतिबंधों की सूची तैयार कर रहा है और यूक्रेन को और हथियार मुहैया कराएगा. लिथुआनिया के विदेश मंत्री ने यूरोप से अपील की कि वह रूसी तेल और गैस का आयात पूरी तरह बंद करे. उनका कहना था कि यूरोप, रूस की साम्राज्यवादी भूख को बढ़ावा दे रहा है.

लवीव में सबसे बड़ा हमला

यूक्रेन की वायुसेना का दावा है कि उन्होंने 478 ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया, लेकिन कुछ हमले निशाने पर लगे. लवीव प्रांत में सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ, जहां एक ही परिवार के चार लोग मारे गए, जिनमें एक 15 साल की लड़की भी शामिल थी. शहर के औद्योगिक इलाके और गैस इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान पहुंचा. लवीव के मेयर ने बताया कि हमले के दौरान एक औद्योगिक पार्क में आग लग गई, जिससे दो जिलों में बिजली पूरी तरह ठप हो गई और सार्वजनिक परिवहन भी रुक गया. सूमी और चेर्निहिव में बिजली आपूर्ति अस्थिर है और घंटेवार बिजली कटौती जारी है. यूक्रेन की सरकारी गैस कंपनी नाफ्टोगाज़ के संयंत्रों को भी नुकसान पहुंचा.

रूस ने बदला हमले का तरीका

यूक्रेनी ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि रूस फिर से ऊर्जा ढांचे को निशाना बनाकर सर्दियों में संकट पैदा करना चाहता है. पिछले साल रूस ने यूक्रेन की 50 फीसदी बिजली उत्पादन क्षमता नष्ट कर दी थी. अब यूक्रेन और यूरोपीय देश मिलकर ड्रोन वॉल एयर डिफेंस प्लान तैयार कर रहे हैं, ताकि सीमा और ऊर्जा प्रतिष्ठानों को सुरक्षित रखा जा सके. रूस का ये हमला यूक्रेन के उन हमलों के जवाब में है, जो उसने रूसी तेल और रिफायनरीज को टार्गेट बनाकर किए गए.

सारांश

रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमला किया है। 500 ड्रोन और 50 मिसाइलों के हमले से बिजली और गैस की आपूर्ति ठप हो गई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस को रोकने की अपील की है।

Bharat Baani Bureau

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