14 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड की उस याचिका पर केंद्र सरकार, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और अन्य हितधारकों से जवाब मांगा, जिसमें कंपनी ने अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को अपनी 88 प्रमुख संपत्तियां बेचने की अनुमति मांगी है।

मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की एक विशेष पीठ ने सहारा ग्रुप के धन अदायगी दायित्वों से संबंधित लंबे समय से चल रहे मामलों में सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) के अंतरिम आवेदन (आईए) पर सुनवाई की।

वित्त और सहकारिता मंत्रालयों को बनाया जाए पक्षकार

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर करते हुए पीठ ने आदेश दिया कि केंद्रीय वित्त और सहकारिता मंत्रालयों को वर्तमान कार्यवाही में पक्ष बनाया जाए और 17 नवंबर तक याचिका पर उनका जवाब मांगा। पीठ ने न्यायमित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफड़े से सहारा फर्म के अदाणी ग्रुप की कंपनी को बेची जाने वाली प्रस्तावित 88 संपत्तियों का विवरण तैयार करने को कहा।

केंद्र सरकार का पक्ष सुनना उचित

पीठ ने न्यायमित्र से इन संपत्तियों के संबंध में अन्य हितधारकों के जवाबों पर भी गौर करने और उनकी प्रकृति के बारे में पता लगाने को कहा, जिसमें यह भी शामिल है कि संपत्तियां बेदाग हैं या विवादित। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि याचिका पर विचार करने से पहले केंद्र सरकार का पक्ष सुनना उचित होगा।

सहारा की याचिका पर 17 नवंबर को सुनवाई

पीठ ने आदेश दिया, ‘‘हम आवेदक को वित्त मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय को पक्षकार बनाने का निर्देश देते हैं… आवेदन में ऐसी संपत्तियां भी शामिल हैं, जिनके अधिकार अभी कुछ पक्षों के बीच स्पष्ट नहीं हुए हैं।’’ पीठ ने सहारा ग्रुप को उन कर्मचारियों के दावों की भी जांच करने का निर्देश दिया, जिन्हें कई वर्षों से वेतन नहीं मिला है। पीठ ने सहारा कंपनी की याचिका पर विचार के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की है।

सारांश:
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदाणी को संपत्तियां बेचने की अनुमति को लेकर केंद्र सरकार और SEBI से जवाब मांगा है। अदालत इस मामले में उचित कदम उठाने के लिए पक्षों की दलीलें सुनना चाहती है।

Bharat Baani Bureau

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