30 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : सेल्सफोर्स इंडिया की चेयरपर्सन और सीईओ अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि फिलहाल बैंकिंग सेक्टर कस्टमर सर्विस की चुनौती का सामना कर रहा है। मुंबई में आयोजित बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट 2025 में निवेदिता मुखर्जी के साथ एक ‘फायरसाइड चैट’ के दौरान भट्टाचार्य ने कहा, “कस्टमर सर्विस बैंकों के लिए एक चुनौती है क्योंकि इसमें सुविधा और सुरक्षा के बीच सही संतुलन बनाना जरूरी है।”

उन्होंने कहा कि आज बैंक ऐसे माहौल में काम कर रहे हैं, जहां तकनीक ने सेवाएं देने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है, लेकिन ग्राहकों का विश्वास बनाए रखना अब भी सबसे अहम है।

बैंकिंग में तकनीक की जरूरत

बैंकिंग सेक्टर में तकनीक के महत्व पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “बैंकिंग सेक्टर के सामने आज की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक खुद तकनीक है।”

उन्होंने कहा कि वित्तीय संस्थानों (financial institutions) की स्थिरता अब उनकी तकनीकी क्षमताओं पर निर्भर करती है। “कोई भी संगठन जो इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) को गंभीरता से नहीं ले रहा है, वह लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा। सभी संगठनों के लिए एक मजबूत आईटी ढांचा बेहद जरूरी है।”

उन्होंने आगे कहा कि बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) सेक्टर “सभी में सबसे ज्यादा डिजिटल रूप से विकसित” है, जिस पर निरंतर सुधार और इनोवेशन करने की बड़ी जिम्मेदारी है।

बैंकों को ट्रेनिंग में निवेश करना चाहिए

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की चेयरपर्सन रह चुकीं भट्टाचार्य ने बताया कि कई वित्तीय संस्थान अब भी “टेक्निकल डेट” यानी पुराने तकनीकी ढांचे और प्रक्रियाओं से जूझ रहे हैं, जो इनोवेशन की गति को धीमा कर देते हैं। उन्होंने कहा, “संगठनों को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को एडवांस करना चाहिए और डिजिटल अपनाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ट्रेनिंग में निवेश करना चाहिए।”

बहुत ज्यादा ऑटोमेशन से बचना चाहिए

उन्होंने कहा कि तकनीक काम को तेज और अधिक कुशल बनाने में मदद करती है।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों को बहुत ज्यादा ऑटोमेशन के कारण कस्टमर सर्विस में मानवीय जुड़ाव नहीं खोना चाहिए। उन्होंने कहा, “कस्टमर सर्विस एक ऐसा काम है जो वास्तव में कभी खत्म नहीं होता।” अच्छी बैंकिंग की पहचान हमेशा इस बात से होती है कि बैंक अपने ग्राहकों को कितनी जल्दी और ईमानदारी से जवाब देता है।

अपना निजी अनुभव साझा करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि भारत में एक महिला होने और करियर बनाने के लिए लगातार संतुलन और धैर्य की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, “अगर आप भारत में एक महिला हैं और आपके पास करियर भी है, तो आपको परिवार की जिम्मेदारियों और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच लगातार संतुलन बनाना सीखना पड़ता है।”

सारांश:
BFSI समिट में एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि तकनीक ने बैंकिंग सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं, लेकिन कस्टमर सर्विस में मानवीय जुड़ाव अभी भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने बताया कि डिजिटल इनोवेशन से दक्षता बढ़ी है, पर ग्राहकों का विश्वास बनाए रखने के लिए इंसानी स्पर्श अहम भूमिका निभाता है।

Bharat Baani Bureau

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