नई दिल्ली 03 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : कहते हैं वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा कुछ नहीं मिलता है. ऐसा ही कुछ भारतीय महिला टीम की ओपनर शेफाली के वर्मा के साथ हुआ है. 21 साल की शेफाली वर्मा ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है. शेफाली ने आईसीसी महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में बैट और गेंद दोनों से मैच विंनिंग प्रदर्शन किया, जिससे भारतीय टीम के 52 सालों का इंतजार खत्म हुआ. ये वही शेफाली वर्मा हैं जिनको लेकर विश्व कप के सेमीफाइनल से पहले चर्चा तक नहीं थी, लेकिन किस्मत ने ऐसा खेल रचा कि आज हर किसी के जुबां पर भारत की इस बेटी का नाम है.
शेफाली वर्मा को विश्व कप में प्रतिका रावल की जगह स्क्वाड में शामिल किया गया. सेमीफाइनल से पहले प्रतिका चोटिल हो गईं थी. प्रतिका जब चोटिल हुई तो उस समय शेफाली घरेलू टी20 सीरीज में खेल रही थीं. ऐसे में फौरन शेफाली को कॉल किया गया और उनकी टीम इंडिया में एंट्री हुई. शेफाली को सीधे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का मौका मिल गया. सेमीफाइनल में तो शेफाली का बल्ला कुछ खास नहीं चला, लेकिन फाइनल में उन्होंने अपने दिल की आग को बैट और गेंद से दमदार खेल दिखाकर बुझाया. फाइनल में शेफाली ने पहले बल्लेबाजी में 78 गेंद में 87 रनों की पारी खेली. अपनी इस पारी में उन्होंने 7 चौके और 2 छक्के लगाए. इसके बाद उन्होंने बॉलिंग में 7 ओवर में 36 रन देकर भारत की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई.
आसान नहीं थी शेफाली के लिए वापसी
शेफाली वर्मा ने जब भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया तो उनकी आक्रमक बैटिंग को देख वीरेंद्र सहवाग से तुलना की जाने लगी. पहली गेंद से पावर हिटिंग शॉट लगाने की क्षमता रखने वाली शेफाली ने देखते ही देखते ही गेंदबाजों के मन में अपना खौफ भर दिया, लेकिन शेफाली अटैकिंग बैटिंग अप्रोच के कारण ही टीम से बाहर भी हुईं. शेफाली अपने लय को बरकार नहीं रख पाईं और उनका फॉर्म गिर गया.
लगातार फेल होने के कारण साल 2024 में ऑस्ट्रेलिया दौरे से उन्हें बाहर कर दिया गया. शेफाली के लिए ये समय बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि टीम से बाहर होने से दो दिन पहले ही उनके पिता को हार्ट अटैक आया था, लेकिन ये बात उन्होंने ये बात अपने पिता से छुपा कर रखी और सप्ताह के बाद बताया. एक तरफ टीम से ड्रॉप और फिर पिता के हार्ट अटैक से शेफाली टूट चुकी थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और घरेलू क्रिकेट में वापसी के लिए कड़ी मेहनत की. शेफाली ने ना सिर्फ अपने फॉर्म को हासिल किया, बल्कि अपनी फिटनेस को भी दुरुस्त किया जो कि विश्व कप के फाइनल में देखने को मिला.
फाइनल में 52 रन से जीती टीम इंडिया
आईसीसी महिला विश्व कप में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराया. मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा की दमदार अर्धशतकीय पारी से टीम इंडिया ने 50 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 298 रन का स्कोर खड़ा किया था. इसके जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 45.3 ओवर में 246 रन बनाकर सिमट गई. इस तरह भारत ने मैच जीतकर विश्व कप की ट्रॉफी अपने नाम की.
