नई दिल्‍ली 06 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . शेयर बाजार के दिग्‍गज और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के मुख्‍य निवेश अधिकारी शंकरन नरेन ने भारतीय निवेशकों की आंखें खोलने वाली चेतावनी जारी की है. उन्‍होंने कहा है कि भारत का पूंजी यानी शेयर बाजार एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है. अब जोखिम का पूरा बोझ निवेशकों पर है, न कि बैंकों और संस्‍थानों पर. उनके कहने का साफ मतलब यह है कि अब बाजार का सारा जोखिम सिर्फ निवेशकों के माथे पर है, उससे जुड़ी कंपनियों या संस्‍थानों पर नहीं.

मॉर्निंगस्‍टार इनवेस्‍टमेंट के कॉन्‍फ्रेंस में नरेन ने कहा कि पहले के दौर में पूंजी निवेश का विकास वित्‍तीय संस्‍थानों जैसे आईडीबीआई, आईएफसीआई और आईसीआईसीआई की ओर से वित्‍तपोषित किया जाता था. फिर आया 2007-08 का दौर जहां बैंकों की ओर से इसका वित्‍तपोषण होता था. अब पूरे निवेशक समुदाय के लिए चुनौती नए दौर में प्रवेश कर चुकी है. अब सारा जोखिम निवेशकों की ओर से लिया जा रहा है. बैंक किसी भी जोखिम वाले काम के लिए उधार नहीं दे रहे.

जोखिम उठाने का काम निवेशकों पर
नरेन ने बताया कि आज कोई भी वित्‍तीय संस्‍थान खुद जोखिम उठाने को तैयार नहीं और देश के विकास के लिए जोखिम उठाने का काम निवेशकों पर है. निवेशकों को कुछ हद तक राहत पहुंचाने के लिए ही म्‍यूचुअल फंड्स ने स्‍मॉल कैप, मिड कैप और मल्‍टी कैप जैसे सेक्‍शन बनाए हैं. बावजूद इसके निवेशकों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए फंड प्रबंधकों को अक्‍सर महंगे स्‍टॉक्‍स में निवेश करना पड़ता है. अगर निवेशकों की एसआईपी ही महंगे मिडकैप्‍स में आती है तो फंड मैनेजर्स को भी महंगे मिडकैप स्‍टॉक्‍स में पैसे लगाना ही पड़ेगा.

सारांश:
HDFC AMC के CIO शंकरन नरेन ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि शेयर बाजार अब नए दौर में प्रवेश कर चुका है, जहां पारंपरिक निवेश रणनीतियां काम नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा ऊंचे वैल्यूएशन और तेज़ी के बीच निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। नरेन ने सलाह दी कि भावनाओं में बहकर निवेश करने से बचें और लंबे समय के नजरिए से सोचें।

Bharat Baani Bureau

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