लुधियाना 10 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पश्चिमी सर्कल के अंतर्गत पड़ते जगराओं इलाके के शेरपुर रोड पर स्थित एक निजी शैलर में विभागीय अधिकारियों द्वारा स्टोर की गई सरकारी गेहूं के घोटाले को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिकायतकर्ता अरविंद शर्मा द्वारा विभाग के कंट्रोलर सरताज सिंह चीमा के खिलाफ निचले स्तर के कर्मचारियों को मोहरा बनाकर ए. एफ.एस.ओ. बेअंत सिंह को बचाने के लिए कथित रूप से एक सोची समझी साजिश के तहत क्लीन चिट देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
अरविंद शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान और बिजनेस ब्यूरो के डायरेक्टर को घोटाले की जांच विजिलैंस विभाग के उच्च अधिकारियों से करवाने का मुद्दा उठाया गया है। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कंट्रोलर सरताज सिंह चीमा द्वारा करोड़ों रुपए के हुए घोटाला मामले में गेहूं गोदाम इंचार्ज जसपाल सिंह सहित राजीव तिवारी और हरजीत सिंह को चार्ज शीट कर मौके के ए.एफ.एस.ओ., बेअंत सिंह को घोटाला मामले की आंच से सुरक्षित बचाने की घटिया रणनीति अपनाई जा रही है। जिस किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता क्योंकि यह घोटाला सीधे तौर पर आम जनता के अधिकारों और उनकी सेहत के साथ जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि जिन शैलरों में करोड़ रुपए की सरकारी गेहूं स्टोर की गई है वह स्टोर ए.एफ.एस.ओ. बेअंत सिंह की सुपरविजन में पड़ता है। ऐसे में बेअंत सिंह की यह ड्यूटी और जिम्मेदारी बनती है कि स्टोर में रखी हुई गेहूं की समय-समय पर जांच की जाए जिसमें पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस सारे एपिसोड में बेअंत सिंह की बड़ी मिलीभगत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ऐसे में कंट्रोलर सरताज सिंह चीमा को अनाज घोटाला मामले में ए.एफ.एस.ओ. की जिम्मेदारी फिक्स करते हुए उनके खिलाफ बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करनी चाहिए थी, जो कि जानबूझ कर नहीं की गई है।
शिकायतकर्ता अरविंद शर्मा द्वारा अनाज घोटाला मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान, पंजाब के मुख्य सचिव, डायरैक्टर विजिलैंस ब्यूरो को शिकायत पत्र भेजने का दावा किया गया है ताकि उक्त मामले की उच्च स्तरीय जांच कर आरोपी पाए जाने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके लिए की विभागीय एवं कानूनी सजा मिल सके।
मामले को लेकर कंट्रोलर सरताज सिंह चीमा द्वारा दावा किया गया है कि उनके द्वारा विभागीय कर्मचारी गोदाम इंचार्ज जसपाल सिंह सहित राजीव तिवारी और हरजीत सिंह को चार्ज शीट कर अगली कार्रवाई के लिए विभाग से कुछ अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई है जिसमें ए.एफ.एस.ओ. बेअंत सिंह के नाम का उनके द्वारा कोई जिक्र तक नहीं करने की बात कबूली जा रही है।
सारांश:
पंजाब में गेहूं घोटाले को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है। घोटाले की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस जांच की मांग तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप लगाए हैं, जिससे मामले को लेकर तनाव बढ़ गया है।
