नई दिल्ली 10 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . ईडेन में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन टीम दक्षिण अफ्रीका को पसीना बहाते देखकर वो तस्वीर जेहन में आ गई जब इस टीम पर से बैन हटा और वो अपना पहल मैच कोलकाता में खेले.  लगभग 22 साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने वाली दक्षिण अफ्रीका की टीम को यह बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि कोलकाता के ईडन गार्डन्स में 1,00,000 दर्शकों की भीड़ कैसी होगी. उस रोमांचक मुकाबले में एलेन डोनाल्ड ने भी अपनी छाप छोड़ी थी.
अब जबकि भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों टीमें कोलकाता पहुंच चुकी हैं, पूरा ध्यान 14 नवंबर से शुरू होने वाले टेस्ट मैच पर है. मौजूदा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन (WTC) भारत के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी, जो उनके अभियान को परिभाषित कर सकती है. दक्षिण अफ्रीका की यह श्रृंखला अनायास ही उस पहले ऐतिहासिक मुकाबले की यादें ताज़ा कर देती है जो दोनों टीमों के बीच नवंबर 1991 में ईडन गार्डन्स में खेला गया था  एक 50 ओवरों का रोमांचक मैच, जिसने दक्षिण अफ्रीका की विश्व क्रिकेट में औपचारिक वापसी दर्ज कराई थी.

44 साल पहले फुलहाउस था ईडेन 

भारत दक्षिण अफ्रीका के बीच उस मैच की सबसे बड़ी खासियत थी भीड़ ईडन गार्डन्स खचाखच भरा हुआ था, लगभग 1,00,000 लोग स्टेडियम में मौजूद थे. आज भले ही स्टेडियम की क्षमता कम हो गई हो, लेकिन 1991 में यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम था और वहां का माहौल अद्भुत था  ऐसा नज़ारा क्रिकेट इतिहास में बहुत कम देखने को मिलता है. प्रवीण आमरे, जिन्होंने भारत के लिए उस मैच में शानदार 55 रन की पारी खेली थी, उस दिन को याद करते हुए कहते हैं “एंड्रयू हडसन (दक्षिण अफ्रीका के ओपनर) और मैं उसी शाम डिनर पर मिले थे। उन्होंने मुझे साफ़-साफ़ कहा कि वह पहले ओवर में इसलिए आउट हो गए क्योंकि वह उस भीड़ को देखकर पूरी तरह से स्तब्ध रह गए थे. उन्होंने कभी इतनी बड़ी और इतनी ज़ोरदार भीड़ नहीं देखी थी. ईडन गार्डन्स एक विशाल कोलोसियम की तरह था, और वहां खेलना आसान नहीं था हडसन को कपिल देव ने जितना आउट किया, उतना ही उन्हें उस भीड़ ने भी डरा दिया

भीड़ से घबरा गई थी मेहमान टीम 
दक्षिण अफ्रीकी टीम के मैनेजर थे अली बैकर जिन्होंने उस मैच पर एक इंटव्यू में बतााया कि जब एंड्रयू हडसन जिमी कुक के साथ मैदान पर उतर रहे थे, मैं महसूस कर सकता था कि वह घबराए हुए थे.  हमने ऐसा नज़ारा पहले कभी नहीं देखा था. स्टेडियम पूरी तरह भरा था और हर दर्शक खुशी से चिल्ला रहा था. जिस पल हम उतरे, वहां से लेकर मैच शुरू होने तक, हर जगह लोग ही लोग थे. मैं ज़रा भी अतिशयोक्ति नहीं कर रहा  यह मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी भीड़ में से एक थी. हडसन गेंदबाज़ी से नहीं, बल्कि उस माहौल से आउट हुए थे और इस तरह सीरीज़ की नाटकीय शुरुआत हुई.

एलन डोनाल्ड मैदान में कहर बरपा रहे थे, और एक नया सितारा जन्म ले चुका था. सचिन तेंदुलकर की प्रतिभा और प्रवीण आमरे के संकल्प ने उस दिन भारत को जीत दिलाई. लेकिन उस दिन की सबसे यादगार छवि थी  डोनाल्ड का तेंदुलकर की ओर दौड़ना, और 1,00,000 दर्शकों का एक साथ गर्जना करना. आशा है कि आने वाले टेस्ट मैच में भी उतनी ही जबरदस्त भीड़ देखने को मिले और जब कैगिसो रबाडा गेंद लेकर रनअप पर भागे और सामने शुभमन गिल हो तो कुछ वैसा ही शोर सुनाई दे जो 1991 में सुनने को मिला था.

सारांश:
44 साल पहले ईडेन गार्डेंस में खेले गए ऐतिहासिक मैच में दक्षिण अफ्रीका को दर्शकों की जबरदस्त भीड़ के बीच हार का सामना करना पड़ा था। करीब एक लाख दर्शक स्टेडियम में मौजूद थे, और मैच के दौरान माहौल इतना रोमांचक था कि मैदान पर मानो “सफेद बिजली” कड़क रही हो। यह मुकाबला क्रिकेट इतिहास के यादगार पलों में गिना जाता है।

Bharat Baani Bureau

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