12 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : आप सोचिए, जिस शख्स पर अमेरिका ने कभी 83 करोड़ का भारी-भरकम ईनाम रखा हो, जिसके जिंदा या मुर्दा मिलने की शर्त रखी हो, उसे व्हाइट हाउस वेलकम कर रहा है. ये वही अमेरिका है, जो आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी का दावा करता है लेकिन परिस्थितियां कुछ यूं बदलीं कि आज उसी शख्स को व्हाइट हाउस में दावत मिल रही है, जो अमेरिका का दुश्मन नंबर 1 था. अल शरा व्हाइट हाउस पहुंचने वाले पहले सीरियन प्रेसिडेंट हैं.
डोनाल्ड ट्रंप उनकी तारीफ एक नहीं कई बार कर चुके हैं. जब पहली बार सऊदी अरब में उनकी मुलाकात अल-शरा से हुई थी, तब उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति को हैंडसम और टफ कहा था. दोबारा मुलाकात में ट्रंप ने कहा कि सबका एक बुरा अतीत होता है और अल शरा का भी है. शायद ट्रंप भूल गए कि एक बुरा अतीत अमेरिका ने भी देखा था साल 2001 में, जब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को उसी अल कायदा की एक साजिश ने दो हिस्से में बांट दिया था, जिसके पूर्व सदस्य के साथ वो हाथ मिला रहे हैं.
9/11 के बारे में मुझसे क्यों पूछ रही हैं आप?
सोशल मीडिया पर इस वक्त फॉक्स न्यूज के शो का एक क्लिप वायरल हो रहा है. इसमें महिला एंकर सीरियाई राष्ट्रपति से 9/11 को लेकर सवाल किया कि क्या आपको इस बात का पछतावा है कि अलकायदा ने वो हमला किया? इसके जवाब में अल शरा ने सीधे-सीधे कहा – ‘मैं उस वक्त सिर्फ 19 साल का था और बहुत छोटा था. मेरे पास कोई निर्णय लेने की क्षमता उस वक्त नहीं थी. उस वक्त मेरे इलाके में अल कायदा था भी नहीं, तो आप इस बारे में एक गलत आदमी से सवाल पूछ रही हैं. हम हर उस नागरिक के लिए शोक जताते हैं, जो इसमें मारा गया और हमें पता है कि युद्ध में लोग कितना कुछ सहते हैं.’
गिरगिट से तेज रंग बदलते हैं नेता
अल शरा की ये टिप्पणी सुनने के बाद तो कोई भी हैरान हो जाएगा. दुनिया जानती है कि आतंक की दुनिया में अल जोलानी के नाम से मशहूर अल शरा अल कायदा के एक्टिव मेंबर रह चुके हैं. उन्होंने ओसामा बिन लादेन, बगदादी जैसे आतंकवादियों से प्रेरणा लेकर आतंकवाद की राह चुनी और अब वे यहां तक पहुंचे हैं. आज अल शरा इस तरह बातें कर रहे हैं मानो वे कितने मासूम हैं. कुछ ऐसा ही डोनाल्ड ट्रंप ने भी किया था, जब वे झट से भूल गए कि अमेरिका ने अल जोलानी के मोस्ट वॉन्टेड वाले पोस्टर जारी किए थे और अब नाम और हुलिया बदलने के बाद वे उसे गले लगाने
सारांश:
कभी ओसामा बिन लादेन का समर्थक रहने वाला सीरियाई राष्ट्रपति अब अमेरिका का हमदर्द बन गया है। 9/11 हमले के जिक्र पर उसके रुख में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उसके इस पलटवार ने सबको हैरान कर दिया है।
