13 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से H-1B वीजा कार्यक्रम का खुलकर बचाव करने के एक दिन बाद अब उनके वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी इसका समर्थन किया है. उन्होंने साफ कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद विदेशी कुशल कामगारों को अमेरिका लाकर यहां के नागरिकों को प्रशिक्षित करना और फिर उन्हें वापस भेजना है. उनके अनुसार यह अमेरिका के उद्योगों को फिर से खड़ा करने की लंबी योजना का हिस्सा है. फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में बेसेंट ने कहा कि राष्ट्रपति का मकसद हमेशा रहा है कि जहां कुशलता की कमी है, वहां फिलहाल विदेशी विशेषज्ञ काम करें और साथ ही अमेरिकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें. बेसेंट ने कहा, ‘अमेरिकी कामगारों को प्रशिक्षित होने में तीन, पांच, सात साल लगेंगे. उसके बाद ये विदेशी विशेषज्ञ अपने देशों को लौट जाएंगे और अमेरिकी कामगार पूरी तरह जिम्मेदारी संभाल लेंगे.’

वित्त मंत्री से एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर ट्रंप की नवीनतम टिप्पणी के बारे में पूछा गया था, जिसमें राष्ट्रपति ने कहा था कि अमेरिका को प्रतिभाओं को लाना होगा क्योंकि उसके पास ‘कुछ खास प्रतिभाएं’ नहीं हैं. फॉक्स न्यूज पर पत्रकार लॉरा इंग्राहम ने पूछा कि क्या H-1B वीजा उनके प्रशासन की प्राथमिकता नहीं होगी, तो ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी उद्योगों को फिर खड़ा करने के लिए यह जरूरी है. जब इंग्राहम ने कहा कि ‘हमारे पास बहुत प्रतिभा है’, तो ट्रंप ने तुरंत जवाब दिया, ‘नहीं, आपके पास नहीं है. आपके पास कोई खास प्रतिभा नहीं है.’ उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को सीधे मिसाइल या एडवांस्ड मशीनें बनाने वाली फैक्ट्रियों में नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि ऐसी प्रतिभा सिखाई जाती है, पैदा नहीं होती.

ट्रंप के बचाव में क्या बोले बेसेंट

वित्त मंत्री से सवाल पूछा गया था कि आखिर ट्रंप ने H-1बी कार्यक्रम का बचाव क्यों किया, जबकि कई अमेरिकी समूह इस कार्यक्रम को स्थानीय कर्मचारियों के खिलाफ बताते रहे हैं. इस पर जवाब देते हुए बेसेंट ने कहा कि 20-30 वर्षों से, अमेरिका ने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की नौकरियां विदेशों में स्थानांतरित कर दी हैं. उन्होंने कहा, ‘और यहां राष्ट्रपति का कहना है कि हम यह नहीं कह सकते कि ‘आप रातों-रात जहाज बनाना सीख जाएंगे’.

हम सेमीकंडक्टर उद्योग को वापस अमेरिका लाना चाहते हैं.’ इसके लिए विदेशी विशेषज्ञों की जरूरत पड़ेगी ताकि वे यहां के कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण दें. उन्होंने कहा, ‘विदेशी साझेदार आएंगे, अमेरिकी कर्मचारियों को सिखाएंगे और फिर लौट जाएंगे. यही सोच है.’

सारांश:
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम के एक मंत्री ने विवादित बयान देते हुए कहा कि विदेशी पेशेवरों को H1B वीजा पर अमेरिका आकर यहां के लोगों को कौशल सिखाना चाहिए और फिर अपने देश लौट जाना चाहिए। इस बयान को भारत सहित कई देशों के पेशेवरों ने भेदभावपूर्ण बताया है। ट्रंप प्रशासन पहले भी H1B वीजा पर सख्त रुख अपनाता रहा है, जिससे आईटी और टेक इंडस्ट्री में काम करने वाले भारतीयों पर असर पड़ता है।

Bharat Baani Bureau

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