18 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) इंसान की सबसे बड़ी खोज ‘आग’ थी लेकिन उससे भी बड़ी खोज वो बर्तन था,जिसने आग को ‘भूख का इलाज’ बना दिया। पहले मिट्टी फिर तांबा-पीतल-कांसा और फिर वक्त के साथ स्टील, कांच, नॉनस्टिक..एल्यूमीनियम। हमारी ‘सभ्यता का हर दौर’ किसी-न-किसी बर्तन में छिपा मिलता है। इतिहास के पन्नों में जब आप झांकते हैं तो सिंधु घाटी की भट्ठियों से लेकर मिस्र के मंदिरों तक..हर जगह मिट्टी के बर्तन मिलते हैं। क्योंकि शुरुआती दुनिया ने यही सीखा था कि मिट्टी पेट भी भरती है और स्वाद भी बनाती है। फिर मेटल का दौर आया तांबा, पीतल, कांसा और हमारे यहां ये सिर्फ बर्तन नहीं थे आयुर्वेदिक औषधि का हिस्सा थे।

और फिर दुनिया बदली औद्योगिक क्रांति आई। 1865 में फ्रांस में पहली बार एल्यूमीनियम को ‘चांदी से भी महंगा’ कहा गया। राजाओं की मेज पर सोने–चांदी के नहीं एल्यूमीनियम के थाल सजने लगे। पर वक्त पलटा वही ‘एल्यूमीनियम’ सौ साल में दुनिया का ‘सबसे सस्ता बर्तन’ बन गया और हमारे किचन में धड़ल्ले से भर गया। और फिर यहीं से कहानी में ट्विस्ट आया क्योंकि जैसे-जैसे बर्तन बदले वैसे-वैसे हमारे शरीर के रिएक्शन भी बदलने लगे। मेडिकल रिपोर्ट्स भी कहती हैं कि हमारे खाने में 8–12% तक एल्यूमीनियम बर्तनों की वजह से जाता है। ये वही मेटल है जो शरीर में जाकर लिवर, किडनी और दिमाग पर असर डालता है। नॉनस्टिक ज्यादा गर्म होने पर कोटिंग पिघलने लगती है। सस्ते सिरेमिक में लेड पाया जाता है। कांच–स्टील में भीअम्लीय पदार्थ लंबे वक्त तक रखना ठीक नहीं। ये बातें भले छोटी लगें, लेकिन शरीर के अंदर पहुंचे इन कैमिकल्स को डिटॉक्स करने में लिवर को सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए किचन के बर्तनों की कहानी सिर्फ इतिहास नहीं है ये आज आपकी ‘लिवर हेल्थ की कहानी’ भी है। ऐसे में यहां स्वामी रामदेव से जानेंगे कौन सा बर्तन हमारे लिवर के लिए फायदेमंद है और क्या क्या फायदे पहुंचाता है।

तांबे के बर्तन के फायदे

पानी को नेचुरल तरीके से साफ करता है।

हल्का अल्कलाइन बनाने में मदद करता है।

इम्यून सिस्टम-बॉडी ग्रोथ में सपोर्ट करता है।

तांबे के बर्तन के नुकसान

देर तक खाना रखने से कॉपर ज्यादा घुलने का रिस्क रहता है।

तांबे के बर्तन में बना खाना हर किसी को सूट नहीं करता है। इससे कई नुकसान भी हो सकते हैं।

मिट्टी के बर्तन के फायदे

धीरे–धीरे पकाने से स्वाद, सुगंध और डाइजेशन बेहतर होता है।

पानी को नेचुरली ठंडा-साफ रखने में मददगार है।

केमिकल-फ्री, पारंपरिक और किफायती है।

मिट्टी के बर्तन के नुकसान

जल्दी टूटने–फटने का रिस्क होता है। इसकी लाइफ कम होती है।

ज्यादा तेल–मसाले से क्रैक, दाग और गंध पकड़ लेते हैं।

सिरेमिक के फायदे

दिखने में आकर्षक, टेबल प्रेजेंटेशन अच्छी रहती है।

लंबे समय तक खाना रहता है गर्म।

अच्छे ब्रांड वाले बर्तन माइक्रोवेव व ओवन–फ्रेंडली होते हैं।

सिरेमिक के नुकसान

नाज़ुक होते हैं, जल्दी क्रैक हो जाते हैं।

घटिया कोटिंग में लेड व टॉक्सिन्स का खतरा।

कांच के बर्तन के फायदे

स्टोर करने के लिए बेस्ट। चटनी, सॉस साफ दिखाई देते हैं।

केमिकल रिएक्शन लगभग नहीं, सेहत के लिए सुरक्षित हैं।

कांच के बर्तन के नुकसान

गिरते ही टूटने का खतरा, संभालकर रखने की जरूरत।

हाई हीट पर हर ग्लास बर्तन सुरक्षित नहीं होता।

लकड़ी-बांस के बर्तन के फायदे

नेचुरल, इको–फ्रेंडली और हल्के–फुल्के बर्तन।

खाने की हल्की खुशबू और प्रेजेंटेशन अच्छा बना देते हैं।

नुकसान

नमी में फूल जाते हैं, जल्दी खराब हो सकते हैं

गंध और मसालों की स्मेल पकड़ लेते हैं।

स्टेनलेस स्टील के फायदे

सबसे ज्यादा सेफ और टिकाऊ।

जंग से बचाने वाली परत,खाने के साथ रिएक्ट नहीं करती।

नुकसान

बहुत खट्टे खाने को लंबे समय तक रखने पर असर।

गलत या पतले स्टील में क्वालिटी की प्रॉब्लम।

लोहे के बर्तन के फायदे

कढ़ाही–तवा में आयरन घुलकर खाना आयरन–रिच बनता है।

हीट को धीरे–धीरे और लंबे समय तक पकड़कर रखते हैं।

नुकसान

जंग लगने का हमेशा खतरा, रेगुलर तेल-सीजनिंग जरूरी।

भारी होते हैं, रोज की हैंडलिंग मुश्किल।

नॉनस्टिक बर्तन के फायदे

बहुत कम तेल में बन सकता है खना।

वेट लॉस वालों के लिए मददगार।

जल्दी कुकिंग, गैस और समय दोनों की बचत।

नुकसान

बहुत ज्यादा गर्म करने पर टॉक्सिक धुआं निकल सकता है।

खरोंच पड़ते ही कोटिंग निकलती है, सेफ्टी घट जाती है।

एल्यूमिनियम के बर्तन के फायदे

हल्के, सस्ते और रोजमर्रा की कुकिंग के लिए आसानी से उपलब्ध।

कम बजट वाले घरों के लिए प्रैक्टिकल ऑप्शन।

नुकसान

नरम धातु, जल्दी घिसती-टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती है।

खट्टे, नमकीन खाने से रिएक्शन होने की संभावना।

सोना-चांदी-पंचधातु के फायदे

सोना–चांदी के बर्तन आयुर्वेद में दोषनाशक माने गए हैं।

कांसा-पंचधातु में खाना वात-कफ-पेट रोग में फायदेमंद। 

सारांश:
स्वामी रामदेव ने स्वस्थ रहने के लिए किचन में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों को बदलने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कुछ बर्तन स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं, जबकि कुछ विशेष धातु से बने बर्तन शरीर को निरोग रखने में मदद करते हैं। सही बर्तनों का चुनाव पाचन, पोषक तत्वों के अवशोषण और समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

Bharat Baani Bureau

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